श्रावण मास (Shravan month): भगवान शिव के लिए विशेष रूप से प्रिय होता है क्योंकि इस मास में कई महत्वपूर्ण व्रत और उपासनाएं शिव भक्तों द्वारा की जाती हैं और इसके प्रभाव से मनोकामनाएं पूरी होने की कथाएं प्रसिद्ध हैं। कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
सावन मास में कार्तिक मास के साथ एकत्रित होता है:
सावन मास में सोमवार व्रत का पालन किया जाता है, और सोमवार भगवान शिव के प्रिय दिन माने जाते हैं। सावन मास में सोमवार के व्रत को शिव उपासना में विशेष महत्व दिया जाता है, जिससे शिव भक्त अपने मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए उनकी कृपा को प्राप्त कर सकते हैं।
कई महत्वपूर्ण त्योहारों का आयोजन:
सावन मास में कई महत्वपूर्ण शिवरात्रि, कांवरियों की यात्रा, नाग पंचमी और कृष्ण जन्माष्टमी जैसे त्योहार मनाए जाते हैं जो भगवान शिव से संबंधित होते हैं। इन अवसरों पर शिव भक्तों की भक्ति और पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है और उन्हें आनंद और शिव की कृपा प्राप्त होती है।
नियमित पूजा, अर्चना और मंत्र जाप का महीना:
सावन मास में शिव भक्त नियमित रूप से पूजा, अर्चना और मंत्र जाप करते हैं। इस मास में शिव भक्ति और उपासना में समर्पित रहने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है।
इस प्रकार, श्रावण मास भगवान शिव के प्रिय मास के रूप में माना जाता है और शिव भक्तों को इस मास में अपनी भक्ति, पूजा और साधना के माध्यम से उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
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