21 फरवरी 2024 (बुधवार) को माघ महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और इसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अवसर माना जाता है।
प्रदोष व्रत का महत्व:
भगवान शिव की कृपा: प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
मनोकामनाएं पूर्ण: प्रदोष व्रत रखने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
पापों से मुक्ति: प्रदोष व्रत रखने से भक्तों को पापों से मुक्ति प्राप्त होती है।
मोक्ष प्राप्ति: प्रदोष व्रत रखने से भक्तों को मोक्ष प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि:
स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
पूजा: भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
आचमन: गंगाजल या शुद्ध जल से आचमन करें।
आवाहन: भगवान शिव का आवाहन करें
षोडशोपचार पूजा: षोडशोपचार पूजा करें। इसमें षोडशोपचार अर्पित किए जाते हैं, जैसे कि चंदन, पुष्प, फल, मिठाई, दीप आदि।
आरती: भगवान शिव की आरती करें।
प्रसाद: प्रसाद वितरण करें।
व्रत: इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। व्रत में फलाहार करें।
दान: दान-पुण्य करें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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