Published By:धर्म पुराण डेस्क

51 स्तंभ-300 से ज्यादा प्रतिमाएं, नव शृंगारित अन्नपूर्णा मंदिर में आज प्राण प्रतिष्ठा 

इंदौर शहर के पश्चिमी क्षेत्र में शहर की पहचान बन चुके अन्नपूर्णा आश्रम के नव शृंगारित मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 31 जनवरी से 7 फरवरी तक मनाया जाएगा। इन्दौर ही नहीं अपितु प्रदेश में यह ऐसा दिव्य मंदिर होगा, जिसमें 6600 वर्गफुट क्षेत्र में लोहे की एक भी कील का उपयोग नहीं किया गया है। बल्कि मंदिर के शिखर कलश को लगभग आधा किलो स्वर्ण से शृंगारित किया गया है।  

मालवांचल के तीर्थ स्थल और पिछले छह दशकों से प्रातः स्मरणीय देवी अहिल्याबाई की नगरी में बना ये मंदिर लाखों भक्तों की श्रद्धा-आस्था का केंद्र रहा है।

60 वर्ष पुराने इस प्राचीन मंदिर के नूतन शृंगार में उड़ीसा और राजस्थान से आए हुए सैकड़ों शिल्पकारों ने पूरे 3 वर्षों तक लगातार दिन-रात श्रमदान कर 81 फुट ऊंचे 51 स्तंभों पर 300 से अधिक देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी हैं। 

इस नवीनीकरण पर करीब 22 करोड़ की लागत आई है। प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य महोत्सव 3 फरवरी को आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज और जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरि महाराज एवं प्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा की पावन उपस्थिति में संपन्न होगा।

इस महोत्सव के मुख्य यजमान विनोद अग्रवाल एवं नीना अग्रवाल होंगे। महोत्सव में 31 जनवरी से 7 फरवरी तक सहस्त्रचंडी महायज्ञ भी संपन्न होगा। इस दौरान देशभर के प्रमुख मठ-मंदिरों, अखाड़ों एवं आश्रमों से जुड़े संत, विद्वान कथाकार, भक्त एवं लाखों की संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होंगे। 

अन्नपूर्णा आश्रम के ट्रस्टी सदस्यों ने बताया कि इंदौर का अन्नपूर्णा मंदिर अब देश के प्रमुख 10 मंदिरों की श्रेणी में आ जाएगा, जहां भक्तों को एक साथ मां अन्नपूर्णा, मां कालिका एवं मां सरस्वती के साथ नौ देवियां, दस महाविद्या और 64 योगिनियों के दर्शन हो सकेंगे।

उड़ीसा के 32 शिल्पकारों ने यहां संगमरमर पर मां अन्नपूर्णा के नौ स्वरूपों को अपनी छैनी -हथौड़ी से जीवंत बनाया है। मंदिर के सभा मंडप और गर्भगृह में 10 महाविद्या और 64 योगिनियों के दर्शन होंगे। मां की लीलाओं के चित्रण एवं महाभारत के प्रसंगों को भी उकेरा गया है। अहमदाबाद के प्रख्यात वास्तुकार सत्य प्रकाश राजपूत ने इस नए मंदिर का वास्तुशिल्प तैयार किया है।
 

धर्म जगत

SEE MORE...........