Published By:धर्म पुराण डेस्क

ज्योतिषानुसार बारह भावों में शुक्र(वीनस) के द्वारा दिये जाने वाले फल…

ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार शुक्र(वीनस) के लिये ज्योतिष शास्त्रों में जो फल कहे गये है वे इस प्रकार से है:-

प्रथम भाव में शुक्र(वीनस)—

जातक के जन्म के समय लगन में विराजमान शुक्र(वीनस) को पहले भाव में शुक्र(वीनस) की उपाधि दी गयी है। पहले भाव में शुक्र(वीनस) के होने से जातक सुन्दर होता है,और शुक्र(वीनस) जो कि भौतिक सुखों का दाता है, जातक को सुखी रखता है, शुक्र(वीनस) दैत्यों का राजा है इसलिये जातक को भौतिक वस्तुओं को प्रदान करता है, और जातक को शराब कबाब आदि से कोई परहेज नही होता है|

जातक की रुचि कलात्मक अभिव्यक्तियों में अधिक होती है, वह सजाने और संवरने वाले कामों में दक्ष होता है, जातक को राज कार्यों को करने और राजकार्यों के अन्दर किसी न किसी प्रकार से शामिल होने में आनंद आता है, वह अपना हुकुम चलाने की कला को जानता है| 

नाटक सिनेमा और टीवी मीडिया के द्वारा अपनी ही बात को रखने के उपाय करता है, अपनी उपभोग की क्षमता के कारण और रोगों पर जल्दी से विजय पाने के कारण अधिक उम्र का होता है, अपनी तरफ विरोधी आकर्षण होने के कारण अधिक कामी होता है, और काम सुख के लिये उसे कोई विशेष प्रयत्न नही करने पड़ते हैं।

द्वितीय भाव में शुक्र(वीनस)—

दूसरा भाव काल पुरुष का मुख कहा गया है, मुख से जातक कलात्मक बात करता है, अपनी आंखों से वह कलात्मक अभिव्यक्ति करने के अन्दर माहिर होता है, अपने चेहरे को सजा कर रखना उसकी नियत होती है, सुन्दर भोजन और पेय पदार्थों की तरफ़ उसका रुझान होता है, अपनी वाकपटुता के कारण वह समाज और जान पहचान वाले क्षेत्र में प्रिय होता है| 

सांसारिक वस्तुओं और व्यक्तियों के प्रति अपनी समझने की कला से पूर्ण होने के कारण वह विद्वान भी माना जाता है, अपनी जान पहचान का फायदा लेने के कारण वह साहसी भी होता है, लेकिन अकेला फंसने के समय वह अपने को नि:सहाय भी पाता है, खाने पीने में साफ सफाई रखने के कारण वह अधिक उम्र का भी होता है।

तीसरे भाव में शुक्र(वीनस)—

तीसरे भाव में शुक्र(वीनस) के होने पर जातक को अपने को प्रदर्शित करने का चाव बचपन से ही होता है, कालपुरुष की कुंडली के अनुसार तीसरा भाव दूसरों को अपनी कला या शरीर के द्वारा कहानी नाटक और सिनेमा टीवी मीडिया के द्वारा प्रदर्शित करना भी होता है|

तीसरे भाव के शुक्र(वीनस) वाले जातक अधिकतर नाटकबाज होते है, और किसी भी प्रकार के संप्रेषण को आसानी से व्यक्त कर सकते है, वे फ़टाफ़ट बिना किसी कारण के रोकर दिखा सकते है, बिना किसी कारण के हंस कर दिखा सकते है, बिना किसी कारण के गुस्सा भी कर सकते है, यह उनकी जन्म जात सिफ़्त का उदाहरण माना जा सकता है। 

अधिकतर महिला जातकों में तीसरे भाव का शुक्र(वीनस) बडे भाई की पत्नी के रूप में देखा जाता है, तीसरे भाव के शुक्र(वीनस) वाला जातक खूबसूरत जीवन साथी का पति या पत्नी होता है, तीसरे भाव के शुक्र(वीनस) वाले जातक को जीवन साथी बदलने में देर नही लगती है| 

चित्रकारी करने के साथ वह अपने को भावुकता के जाल में गूंथता चला जाता है, और उसी भावुकता के चलते वह अपने को अन्दर ही अन्दर जीवन साथी के प्रति बुरी भावना पैदा कर लेता है, अक्सर जीवन की अभिव्यक्तियों को प्रसारित करते करते वह थक सा जाता है,और इस शुक्र(वीनस) के धारक जातक आलस्य की तरफ जाकर अपना कीमती समय बर्बाद कर लेते है, तीसरे शुक्र(वीनस) के कारण जातक के अंदर चतुराई की मात्रा का प्रभाव अधिक हो जाता है|

आलस्य के कारण जब वह किसी गंभीर समस्या को सुलझाने में असमर्थ होता है,तो वह अपनी चतुराई से उस समस्या को दूर करने की कोशिश करता है।

चौथे भाव का शुक्र(वीनस)— 

चौथे भाव का शुक्र(वीनस) कालपुरुष की कुंडली के अनुसार चन्द्रमा की कर्क राशि में होता है, जातक के अंदर मानसिक रूप से कामवासना की अधिकता होती है, उसे ख्यालों में केवल पुरुष को नारी और नारी को पुरुष का ही ख्याल रहता है, जातक आस्तिक भी होता है, परोपकारी भी होता है, लेकिन परोपकार के अन्दर स्त्री को पुरुष के प्रति और पुरुष को स्त्री के प्रति आकर्षण का भाव देखा जाता है|

जातक व्यवहार कुशल भी होता है, और व्यवहार के अन्दर भी शुक्र(वीनस) का आकर्षण मुख्य होता है, जातक का स्वभाव और भावनायें अधिक मात्रा में होती है, वह अपने को समाज में वाहनों से युक्त सजे हुए घर से युक्त और आभूषणों से युक्त दिखाना चाहता है, अधिकतर चौथे शुक्र(वीनस) वाले जातकों की रहने की व्यवस्था बहुत ही सजावटी देखी जाती है|

चौथे भाव के शुक्र(वीनस) के व्यक्ति को फल और सजावटी खानों का काम करने से अच्छा फायदा होता देखा गया है, पानी वाली जमीन में या रहने वाले स्थानों के अन्दर पानी की सजावटी क्रियायें पानी वाले जहाजों के काम आदि भी देखे जाते है, धनु या वृश्चिक का शुक्र(वीनस) अगर चौथे भाव में विराजमान होता है, तो जातक को हवाई जहाजों के अन्दर और अंतरिक्ष के अंदर भी सफल होता देखा गया है।

पंचम भाव में शुक्र(वीनस)—

पंचम भाव का शुक्र(वीनस) कविता करने के लिये अधिक प्रयुक्त माना जाता है, चन्द्रमा की राशि कर्क से दूसरा होने के कारण जातक भावना को बहुत ही सजा संवार कर कहता है, उसके शब्दों के अन्दर शैरो शायरी की पुटता का महत्व अधिक रूप से देखा जाता है| 

अपनी भावना के चलते जातक पूजा पाठ से अधिकतर दूर ही रहता है, उसे शिक्षा से लेकर अपने जीवन के हर पहलू में केवल भौतिकता का महत्व ही समझ में आता है, वह जो सामने है, उसी पर विश्वास करना आता है, आगे क्या होगा उसे इस बात का ख्याल नहीं आता है|

वह किसी भी तरह पराशक्ति को एक ढकोसला समझता है, और अक्सर इस प्रकार के लोग अपने को कंप्यूटर वाले खेलों और सजावटी सामानों के द्वारा धन कमाने की फ़िराक में रहते है, उनको भगवान से अधिक अपने कलाकार दिमाग पर अधिक भरोसा होता है|

अधिकतर इस प्रकार के जातक अपनी उम्र की आखिरी मंजिल पर किसी न किसी कारण अपना सब कुछ गंवाकर भिखारी की तरह का जीवन निकालते देखे गये है, उनकी औलाद अधिक भौतिकता के कारण मानसिकता और रिश्तों को केवल संतुष्टि का कारण ही समझते है,और समय के रहते ही वे अपना मुंह स्वाभाविकता से फेर लेते हैं।

छठे भाव में शुक्र(वीनस)—

छठा भाव काल पुरुष के अनुसार बुध का घर माना जाता है, और कन्या राशि का प्रभाव होने के कारण शुक्र(वीनस) इस स्थान में नीच का माना जाता है, अधिकतर छठे शुक्र(वीनस) वाले जातकों के जीवन साथी मोटे होते है, और आराम तलब होने के कारण छठे शुक्र(वीनस) वालों को अपने जीवन साथी के सभी काम करने पड़ते है, इस भाव के जातकों के जीवन साथी किसी न किसी प्रकार से दूसरे लोगों से अपनी शारीरिक काम संतुष्टि को पूरा करने के चक्कर में केवल इसलिए रहते है, क्योंकि छठे शुक्र(वीनस) वाले जातकों के शरीर में जननांग संबंधी कोई न कोई बीमारी हमेशा बनी रहती है|

चिड़चिड़ापन और झल्लाहट के प्रभाव से वे घर या परिवार के अन्दर एक प्रकार से क्लेश का कारण भी बन जाते है, शरीर में शक्ति का विकास नहीं होने से वे पतले दुबले शरीर के मालिक होते है, यह सब उनकी माता के कारण भी माना जाता है|

छठे शुक्र(वीनस) के जातकों की माता सजने संवरने और अपने को प्रदर्शित करने के चक्कर में अपने जीवन के अंतिम समय तक प्रयासरत रहती है। पिता के पास अनाप शनाप धन की आवक भी रहती है, और छठे शुक्र(वीनस) के जातकों के एक मौसी की भी जीवनी उसके लिये महत्वपूर्ण होती है, माता के खानदान से कोई न कोई कलाकार होता है, या मीडिया आदि में अपना काम कर रहा होता है।

सप्तम भाव में शुक्र(वीनस)—

सप्तम भाव में शुक्र(वीनस) कालपुरुष की कुंडली के अनुसार अपनी ही राशि तुला में होता है, इस भाव में शुक्र(वीनस) जीवन साथी के रूप में अधिकतर मामलों में तीन तीन प्रेम सम्बन्ध देने का कारक होता है, इस प्रकार के प्रेम सम्बन्ध उम्र की उन्नीसवीं साल में, पच्चीसवीं साल में और इकत्तीस वीं साल में शुक्र(वीनस) के द्वारा प्रदान किये जाते है|

इस शुक्र(वीनस) का प्रभाव माता की तरफ से उपहार में मिलता है, माता के अन्दर अति कामुकता और भौतिक सुखों की तरफ झुकाव का परिणाम माना जाता है, पिता की भी अधिकतर मामलों में या तो शुक्र(वीनस) वाले काम होते है, अथवा पिता की भी एक शादी या तो होकर छूट गयी होती है, या फ़िर दो सम्बन्ध लगातार आजीवन चला करते है|

सप्तम भाव का शुक्र(वीनस) अपने भाव में होने के कारण महिला मित्रों को ही अपने कार्य के अन्दर भागीदारी का प्रभाव देता है। पुरुषों को सुन्दर पत्नी का प्रदायक शुक्र(वीनस) पत्नी को अपने से नीचे वाले प्रभावों में रखने के लिए भी उत्तरदायी माना जाता है, इस भाव का शुक्र(वीनस) उदारता वाली प्रकृति भी रखता है|

अपने को लोकप्रिय भी बनाता है,लेकिन लोकप्रिय होने में नाम सही रूप में लिया जाये यह आवश्यक नही है,कारण यह शुक्र(वीनस) कामवासना की अधिकता से व्यभिचारी भी बना देता है, और दिमागी रूप से चंचल भी बनाता है,विलासिता के कारण जातक अधिकतर मामलों में कर्म हीन होकर अपने को उल्टे सीधे कामों में लगा लेते है।

आठवें भाव में शुक्र(वीनस)—

आठवें भाव का शुक्र(वीनस) जातक को विदेश यात्रायें जरूर करवाता है, और अक्सर पहले से माता या पिता के द्वारा सम्पन्न किये गये जीवन साथी वाले रिश्ते दरकिनार कर दिये जाते है, और अपनी मर्जी से अन्य रिश्ते बनाकर माता पिता के लिये एक नई मुसीबत हमेशा के लिये खडी कर दी जाती है। 

जातक का स्वभाव तुनक मिजाज होने के कारण माता के द्वारा जो शिक्षा दी जाती है वह समाज विरोधी ही मानी जाती है, माता के पंचम भाव में यह शुक्र(वीनस) होने के कारण माता को सूर्य का प्रभाव देता है, और सूर्य शुक्र(वीनस) की युति होने के कारण वह या तो राजनीति में चली जाती है, और राजनीति में भी सबसे नीचे वाले काम करने को मिलते है, जैसे साफ सफाई करना आदि|

माता की माता यानी जातक की नानी के लिये भी यह शुक्र(वीनस) अपनी गाथा के अनुसार वैधव्य प्रदान करता है, और उसे किसी न किसी प्रकार से शिक्षिका या अन्य पब्लिक वाले कार्य भी प्रदान करता है, जातक को नानी की संपत्ति बचपन में जरूर भोगने को मिलती है, लेकिन बड़े होने के बाद जातक मंगल के घर में शुक्र(वीनस) के होने के बाद या तो मिलिट्री में जाता है, या फ़िर किसी प्रकार की सजावटी टेक्नोलॉजी यानी कंप्यूटर और अन्य आई टी वाली टेक्नोलॉजी में अपना नाम कमाता है। 

लगातार पुरुष वर्ग कामुकता की तरफ मन लगाने के कारण अक्सर उसके अन्दर जीवन रक्षक तत्वों की कमी हो जाती है, और वह रोगी बन जाता है, लेकिन रोग के चलते यह शुक्र(वीनस) जवानी के अन्दर किये गये कामों का फल जरूर भुगतने के लिये जिन्दा रखता है|

और किसी न किसी प्रकार के असाध्य रोग जैसे तपेदिक या सांस की बीमारी देता है, और शक्तिहीन बनाकर बिस्तर पर पड़ा रहता है। इस प्रकार के पुरुष वर्ग स्त्रियों पर अपना धन बरबाद करते है, और स्त्री वर्ग आभूषणो और मनोरंजन के साधनों तथा महंगे आवासों में अपना धन व्यय करती है।

नवें भाव का शुक्र(वीनस)—

नवें भाव का मालिक काल पुरुष के अनुसार गुरु होता है, और गुरु के घर में शुक्र(वीनस) के बैठ जाने से जातक के लिये शुक्र(वीनस) धन लक्ष्मी का कारक बन जाता है, उसके पास बाप दादा के जमाने की संपत्ति उपभोग करने के लिये होती है, और शादी के बाद उसके पास और धन बढ़ने लगता है|

जातक की माता को जननांग संबंधी कोई न कोई बीमारी होती है, और पिता को मोटापा यह शुक्र(वीनस) उपहार में प्रदान करता है, बाप आराम पसंद भी होता है, बाप के रहते जातक के लिये किसी प्रकार की धन वाली कमी नहीं रहती है|

वह मनचाहे तरीके से धन का उपभोग करता है, इस प्रकार के जातकों का ध्यान शुक्र(वीनस) के कारण बडे रूप में बैंकिंग या धन को धन से कमाने के साधन प्रयोग करने की दक्षता ईश्वर की तरफ से मिलती है, वह लगातार किसी न किसी कारण से अपने को धनवान बनाने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ता है। उसके बडे भाई की पत्नी या तो बहुत कंजूस होती है, या फ़िर धन को समेटने के कारण वह अपने परिवार से अलग होकर जातक का साथ छोड़ देती है|

छोटे भाई की पत्नी भी जातक के कहे अनुसार चलती है,और वह हमेशा जातक के लिये भाग्य बन कर रहती है, नौवां भाव भाग्य और धर्म का माना जाता है, जातक के लिये लक्ष्मी ही भगवान होती है,और योग्यता के कारण धन ही भाग्य होता है।

जातक का ध्यान धन के कारण उसकी रक्षा करने के लिये भगवान से लगा रहता है, और वह केवल पूजा पाठ केवल धन को कमाने के लिये ही करता है। सुखी जीवन जीने वाले जातक नवें शुक्र(वीनस) वाले ही देखे गये है, छोटे भाई की पत्नी का साथ होने के कारण छोटा भाई हमेशा साथ रहने और समय समय पर अपनी सहायता देने के लिये तत्पर रहता है।

दशम भाव का शुक्र(वीनस)—-

दशम भाव का शुक्र(वीनस) कालपुरुष की कुंडली के अनुसार शनि के घर में विराजमान होता है, पिता के लिये यह शुक्र(वीनस) माता से शासित बताया जाता है, और माता के लिये पिता सही रूप से किसी भी काम के अन्दर हां में हां मिलाने वाला माना जाता है। छोटा भी कुकर्मी बन जाता है, और बडा भाई आरामतलब बन जाता है। जातक के पास कितने ही काम करने को मिलते है, और बहुत सी आजीविकायें उसके आसपास होती है। 

अक्सर दसवें भाव का शुक्र(वीनस) दो शादियां करवाता है, या तो एक जीवन साथी को भगवान के पास भेज देता है, अथवा किसी न किसी कारण से अलगाव करवा देता है। जातक के लिये एक ही काम अक्सर परेशान करने वाला होता है, कि कमाये हुए धन को वह शनि वाले नीचे कामों के अन्दर ही व्यय करता है, इस प्रकार के जातक दूसरों के लिये कार्य करने के लिये साधन जुटाने का काम करते है|

दसवें भाव के शुक्र(वीनस) वाले जातक महिलाओं के लिये ही काम करने वाले माने जाते है, और किसी न किसी प्रकार से घर को सजाने वाले कलाकारी के काम, कढ़ाई कशीदाकारी, पत्थरों को तराशने के काम आदि दसवें भाव के शुक्र(वीनस) के जातक के पास करने को मिलते है।

ग्यारहवें भाव का शुक्र(वीनस)—-

ग्यारहवां भाव संचार के देवता यूरेनस का माना जाता है, आज के युग में संचार का बोलबाला भी है, मीडिया और इंटरनेट का कार्य इसी शुक्र(वीनस) की बदौलत फलीभूत माना जाता है, इस भाव का शुक्र(वीनस) जातक को विजुअल साधनों को देने में अपनी महानता को दिखाता है|

जातक फ़िल्म एनीमेशन कार्टून बनाना कार्टून फिल्म बनाना टीवी के लिये काम करना, आदि के लिये हमेशा उत्साहित देखा जा सकता है। जातक के पिता की जुबान में धन होता है, वह किसी न किसी प्रकार से जुबान से धन कमाने का काम करता है, जातक का छोटा भाई धन कमाने के अन्दर प्रसिद्ध होता है|

जातक की पत्नी अपने परिवार की तरफ देखने वाली होती है, और जातक की कमाई के द्वारा अपने मायके का परिवार संभालने के काम करती है। जातक का बडा भाई स्त्री से शासित होता है, जातक के बड़ी बहन होती है, और वह भी अपने पति को शासित करने में अपना गौरव समझती है। 

जातक को जमीनी काम करने का शौक होता है, वह खेती वाली जमीनों को संभालने और दूध के काम करने के अन्दर अपने को उत्साहित पाता है, जातक की माता का स्वभाव भी एक प्रकार से हठीला माना जाता है, वह धन की कीमत को नहीं समझती है, और माया नगरी को राख के ढेर में बदलने के लिये हमेशा उत्सुक रहती है, लेकिन पिता के भाग्य से वह जितना खर्च करती है, उतना ही अधिक धन बढ़ता चला जाता है।

बारहवें भाव में शुक्र(वीनस)—

बारहवें भाव के शुक्र(वीनस) का स्थान कालपुरुष की कुंडली के अनुसार राहु के घर में माना जाता है, राहु और शुक्र(वीनस) दोनो मिलकर या तो जातक को आजीवन हवा में उडाकर हवाई यात्रायें करवाया करते है, या आराम देने के बाद सोचने की क्रिया करवाने के बाद शरीर को फ़ुलाते रहते है|

जातक का मोटा होना इस भाव के शुक्र(वीनस) की देन है, जातक का जीवन साथी सभी जातक की जिम्मेदारियां संभालने का कार्य करता है, और अपने को लगातार किसी न किसी प्रकार की बीमारियों का ग्रास बनाता चला जाता है|

जातक का पिता या तो परिवार में बड़ा भाई होता है, और वह जातक की माता के भाग्य से धनवान होता है, पिता का धन जातक को मुफ्त में भोगने को मिलता है, उम्र की बयालीसवीं साल तक जातक को मानसिक संतुष्टि नहीं मिलती है, चाहे उसके पास कितने ही साधन हों, वह किसी न किसी प्रकार से अपने को अभावग्रस्त ही मानता रहता है| 

और नई नई स्कीमें लगाकर बयालीस साल की उम्र तक जितना भी प्रयास कमाने के करता है, उतना ही वह पिता का धन बर्बाद करता है, लेकिन माता के भाग्य से वह धन किसी न किसी कारण से बढ़ता चला जाता है। उम्र की तीसरी सीढी पर वह धन कमाना चालू करता है, और फिर लगातार मरते दम तक कमाने से हार नही मानता है। 

जातक का बड़ा भाई अपनी जुबान से धन कमाने का मालिक होता है, लेकिन भाभी का प्रभाव परिवार की मर्यादा को तोड़ने में ही रहता है, वह अपने को धन का दुश्मन समझती है, और किसी न किसी प्रकार से पारिवारिक महिलाओं से अपनी तू तू में में करती ही मिलती है, उसे बाहर जाने और विदेश की यात्रायें करने का शौक होता है|

भाभी का जीवन अपनी कमजोरियों के कारण या तो अस्पताल में बीतता है, या फिर उसके संबंध किसी न किसी प्रकार से यौन सम्बन्धी बीमारियों के प्रति समाज में कार्य करने के प्रति मिलते है, वह अपने डाक्टर या महिलाओं को प्रजनन के समय सहायता देने वाली होती है। आप अन्य जानकारियों के लिये मुझे ईमेल कर सकते हैं


 

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