Published By:धर्म पुराण डेस्क

वैदिक ज्योतिष में मंत्रों का अद्भुत प्रभाव

खासतौर पर नवग्रह (नौ ग्रह) के लिए बनाए गए मंत्रों का प्रभाव तो अत्यंत उल्लेखनीय है। ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह का व्यक्ति के जीवन पर अलग-अलग प्रभाव होता है और इन ग्रहों की शक्तियों को सकारात्मक दिशा में मोड़ने में मंत्रों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

किसी भी ज्योतिषी से पूछिएगा, तो वे जीवन में सर्वोत्तम परिणामों के लिए ज्योतिषीय ग्रहों को प्रसन्न करने की सलाह देंगे। दरअसल, सिर्फ ग्रह ही नहीं, नक्षत्र, वास्तु ऊर्जा, यंत्र, यहां तक कि देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भी मंत्रों का सहारा लिया जाता है। इन ज्योतिषीय तत्वों को प्रसन्न करने के अनेक तरीकों में से मंत्रों का प्रयोग एक सरल और प्रभावी उपाय है।

नवग्रह मंत्रों की शक्ति:

वैदिक ज्योतिष में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु नौ ग्रहों को नवग्रह कहा जाता है। प्रत्येक ग्रह से सम्बंधित विशिष्ट मंत्र होते हैं, जिन्हें नियमित रूप से जपने से उस ग्रह का सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति की जन्मपत्री में राहु का प्रभाव अशुभ हो, तो राहु के स्वर मंत्र का जप करने से उसके अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं और सकारात्मक प्रभाव बढ़ते है।

मंत्र जप के अन्य लाभ:

मंत्र जप के ज्योतिषीय लाभों के अलावा भी इसके अनेक फायदे हैं। मंत्र जप से मन शांत होता है, एकाग्रता बढ़ती है, आत्मिक बल विकसित होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यही नहीं, नियमित मंत्र जप से व्यक्ति अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक सकारात्मक सोच और दृढ़ संकल्प विकसित कर सकता है।

ध्यान देने योग्य बातें:

ज्योतिषीय मंत्रों का जप करते समय शुद्ध उच्चारण और पवित्र मन का होना आवश्यक है। जप को किसी शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिए और किसी भी बाहरी व्यवधान से बचें। जप की निर्धारित संख्या होनी चाहिए और इसे नियमित रूप से करना जरूरी है। जल्दबाजी और लालच में जप न करें, बल्कि सच्ची श्रद्धा से जप करें, तभी आपको इसके सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त होंगे।

ज्योतिष शास्त्र में मंत्रों की अनोखी शक्ति है। यदि आप जीवन में विभिन्न ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव का अनुभव करना चाहते हैं और अपने लिए सुख-समृद्धि की राह आसान बनाना चाहते हैं, तो ज्योतिषीय मंत्रों का जप आपके लिए लाभदायक हो सकता है। 

याद रखें, मंत्र जप एक आध्यात्मिक अनुभव है और इसे तभी सफलतापूर्वक किया जा सकता है, जब आप पूरे मनोयोग से इसमें लगे हों।

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