स्वराशि का नियम यह है कि जिस दुल्हन के चौथे, आठवें और बारहवें गुरु वर्ण पूजा की आवश्यकता हो, वह बिना पूजा के शादी कर सकती है।
जिन कन्याओं का विवाह गुरु के कारण रुका हुआ है उनके लिए यह उत्तम समय है, इस समय उनका विवाह हो सकता है।
3 मई को अक्षय तृतीया का दिन बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण है। इस दिन देश भर में बिना किसी पंचांग और मुहूर्त के शादियां हो सकती हैं।
वर्ष 2022 का शुभ मुहूर्त:-
अप्रैल:- 18, 20, 21, 22, 23, 27, 28
मई:- 2, 3, 11, 16, 20, 26, 31
जून:- 6, 11, 14, 21
जुलाई:- 5, 8, 9
शादी 9 जुलाई के बाद बंद हो जाएगी। शुक्र अस्त होने के कारण 23 नवंबर तक विवाह नहीं होगा। शादी 26 नवंबर से शुरू होगी।
नवंबर:- 26, 28, 29, 30
दिसंबर:- 1, 2, 6, 7, 11, 13
वर्ष 2023 का शुभ मुहूर्त:
जनवरी:- 16, 18, 19, 25, 26, 27, 30, 31
फरवरी:- 6 से 12
मार्च:- 5, 8, 9, 10, 11 से 13
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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