Published By:धर्म पुराण डेस्क

निरोगी रहने के लिए कब्ज से बचें

कॉन्स्टिपेशन(constipation) का घरेलू उपचार घर बैठे करें कॉन्स्टिपेशन का इलाज।

कब्ज की चिकित्सा:

मलत्याग के समय को कभी टालना नहीं चाहिए। इस समय मल त्याग का संकल्प करने मात्र से ही मल विसर्जन की संवेदना होने लगती है। उस समय सब चिंताओं से मुक्त होना आवश्यक है। 

यदि निश्चित समय पर मल विसर्जन न हो, तो मलत्याग के लिए जाने से कुछ समय पहले एक गिलास गुनगुना पानी, दूध अथवा एक कप चाय लें। अधिक परेशानी होने पर दो चम्मच ग्लिसरीन लेकर उसे थोड़े से गुनगुने पानी में मिलाकर पिचकारी द्वारा गुदा में प्रविष्ट करके दस मिनट बाद मल त्याग के लिए जाएं। 

शीर्षासन या सर्वांगासन करने से भी कब्ज की परेशानी से राहत मिलती है।

कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को कम चिकनाई वाला आहार, चोकर वाला आटा, मौसमी फल, हरी सब्जियां प्रचुर मात्रा में लेनी चाहिए। प्रचुर मात्रा में विटामिन बी तथा पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। सूखे मेवे, चाय, कॉफी, मांस, मैदे से बनी वस्तुएं व अधिक स्टार्च युक्त भोजन नहीं लेना चाहिए।

औषधि चिकित्सा:

पैराफिन लिक्विड या जैतून का तेल आदि भोजन के बाद लेने से बड़ी आंत तथा मलाशय में चिकनापन होकर कब्ज दूर हो जाता है। इस कार्य के लिए बादाम रोगन या एरंड का तेल भी लिया जा सकता है।

ईसबगोल के बीज या छिलके एक बड़े चम्मच की मात्रा में दिन में दो बार गुनगुने दूध से लेने पर आंत की मलप्रवर्तक गति उत्तेजित होती है। ये बीज या छिलके पेट में फूल जाने के कारण आंत पर दबाव डालकर उसकी मल-प्रवर्तक गति को बढ़ाते हैं, जिससे मल त्याग आसानी से हो जाता है।

कब्ज के लिए त्रिफला एक अच्छी औषधि है। रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी से लेना चाहिए।

गुलाब की पत्तियां, सनाय के पत्ते तथा अमलतास में भी कब्ज नाशक गुण हैं। सौंफ, सनाय, मुलेठी 10-10 ग्राम लेकर 7 ग्राम शक्कर के साथ मिलाकर कूट-पीस लें। इस चूर्ण को 1 से 3 चम्मच सायंकाल गुनगुने पानी से लेने पर सुबह शौच साफ आता है।

डॉ. राजीव गुप्ता आयुर्वेदाचार्य


 

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