Published By:धर्म पुराण डेस्क

नवग्रह शांति के लिए बीज मंत्रों का जाप- 108 बार जप कर पाएं ग्रह दोषों से मुक्ति

नवग्रह हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसका सकारात्मक प्रभाव सुख-समृद्धि लाता है, जबकि नकारात्मक प्रभाव परेशानियों का कारण बन सकता है। यदि आप महसूस करते हैं कि जीवन में परेशानियां आ रही हैं या कोई विशेष ग्रह आपको कष्ट दे रहा है, तो यहां आपके लिए सरल समाधान है - बीज मंत्रों का जाप।

ये बीज मंत्र शक्तिशाली और प्रभावी होते हैं, जिन्हें नियमित रूप से जपने से नवग्रहों को शांत किया जा सकता है और उनका शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यहां अलग-अलग ग्रहों के लिए उनके बीज मंत्र दिए गए हैं:

सूर्य: ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः

चंद्र: ओम श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः

मंगल: ओम क्रां कृं क्रौं सः भौमाय नमः

बुध: ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः

बृहस्पति: ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः

शुक्र: ओम द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः

शनि: ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

राहु: ओम भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः

केतु: ओम स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः

इनमें से किसी भी ग्रह के लिए, जिससे आपको परेशानी हो रही है, उसके बीज मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें। यदि आपका जीवन सामान्य रूप से चल रहा है और आप सभी ग्रहों का आशीर्वाद चाहते हैं, तो आप प्रत्येक मंत्र का प्रतिदिन 5 बार जाप कर सकते हैं।

कुछ महत्वपूर्ण बातें:

मंत्र जाप करते समय शुद्ध उच्चारण और पवित्र मन का होना आवश्यक है।

जप को शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिए।

जप को नियमित रूप से, निश्चित समय पर करना चाहिए।

जप जल्दबाजी या लालच में न करें, बल्कि सच्ची श्रद्धा से करें।

बीज मंत्रों का जाप एक सरल उपाय है, लेकिन इसकी शक्ति अपार है। नियमित रूप से जप करने से आप नवग्रहों को प्रसन्न कर सकते हैं और उनके सकारात्मक प्रभाव से लाभ उठा सकते हैं। याद रखें, जप के साथ-साथ सकारात्मक सोच और अच्छे कर्म भी आवश्यक हैं।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है। किसी भी ज्योतिषीय परामर्श या चिकित्सा उपचार के लिए किसी योग्य ज्योतिषी या चिकित्सक से संपर्क करें।

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