Published By:धर्म पुराण डेस्क

16 दिसंबर: धनुर्मास प्रारंभ, पुण्य-समृद्धि के लिए कैसे विष्णु पूजन और दान 

सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही धनुर्मास शुरू हो जाता है। इसे धन संक्रांति भी कहते हैं। 

हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धनुर्मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस साल 16 दिसंबर को सुबह 9 बजकर 58 मिनट पर सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं। तो 16 दिसंबर से 14 जनवरी 2023 तक धन संक्रांति के कारण धनुर्मास दोष रहेगा।

भगवान विष्णु की पूजा करें-

धनुर्मास के प्रतिनिधि भगवान विष्णु हैं, इसलिए इस मास में नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। साथ ही विष्णु और शालिग्राम को पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। भगवान का श्रृंगार करना चाहिए और विशेष भोग लगाना चाहिए। 

प्रभु का नाम स्तवन करि कीर्तन और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र का प्रतिदिन जप करना चाहिए। तीर्थ में जाकर दान-स्नान और सूर्य अर्घ्य देना चाहिए। इस महीने में तुलसी पूजन का भी अधिक महत्व माना जाता है। प्रात: काल उठकर दीपक और जल से तुलसी की पूजा करनी चाहिए और तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए।

धनुर्मास में क्या करना चाहिए-

सूर्योदय से पहले स्नान करें, शाम को भगवान का स्मरण करें। यह महाधर्म, दान, जप और तपस्या का महीना माना जाता है। यह कई गुणों से लाभ पहुंचाता है। जो व्यक्ति इस पुण्य कार्य को करता है उसे कई गुना फल प्राप्त होता है। धनुर्मास में ब्राह्मणों, गुरुओं, गायों और साधु-संतों की सेवा करनी चाहिए।

इस गोचर के दौरान सभी शुभ कार्य (मांगलिक) वर्जित होते हैं, क्योंकि गुरु की राशि में सूर्य का प्रवेश स्वाभाविक रूप से सूर्य के बल को कुछ हद तक कम कर देता है, जिससे शुभ कार्य करने से आशीर्वाद नहीं मिलता है। हालांकि इस दौरान भागवत कथा, परायण, भजन, सत्यनारायण की कथा नवग्रह पूजा और नवग्रह शांति कर्म किए जा सकते हैं।

दान का महत्व-

धनुर्मास के महीने में सुबह उठकर स्नान करना चाहिए। उसके बाद सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। यह भी माना जाता है कि धनुर्मास में दान-पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, इसलिए इस महीने में जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना चाहिए। जरूरतमंद लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से जरूरी सामान बांटा जा सकता है। अन्न के साथ वस्त्र का भी दान किया जा सकता है। धनुर्मास में गायों की पूजा करने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। घर में सुख-समृद्धि आती है।


 

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