 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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जिन कारणों से रोग उत्पन्न होता है, कारणों में से एक कारण ग़लत आहार करना भी होता है जिससे रोग उत्पन्न होते हैं। रोग से ग्रसित होने पर उन पदार्थों का सेवन बन्द कर देने से रोग को बल मिलना बन्द हो जाता है जिससे रोग का प्रभाव बढ़ नहीं पाता, इधर अपने से रोग के असर को नष्ट करती है जिसके फलस्वरूप रोग नष्ट हो जाता है।
पथ्य-अपथ्य याने परहेज़ का पालन इसीलिए ज़रूरी होता है। चतुर सेनापति शत्रु पर भीषण आक्रमण करने के साथ ही ऐसी घेराबन्दी भी करता है जिससे शत्रु की सेना को हथियार, गोला, बारूद, खाद्य पेय सामग्री और सैनिक सहायता प्राप्त न हो सके, तभी तो शत्रु परास्त हो सकेगा।
अगर बराबर सहायता मिलती रहे तो शत्रु की शक्ति कम न होगी बल्कि बढ़ती जाएगी। बस, यही स्थिति रोग और पथ्य-अपथ्य के मामले में होती है। यहां कुछ साधारण रोगों के लिए आवश्यक परहेज़ का विवरण प्रस्तुत किया जा रहा है।
यदि आप एक रोग से पीड़ित हैं या रोग से बचने के लिए आपको आहार में परहेज करना होता है, तो निम्नलिखित आवश्यक पथ्य उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण हो सकता है:
स्वस्थ आहार: स्वस्थ और पौष्टिक आहार लेना रोगों से लड़ने में मदद कर सकता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में फल, सब्जियां, पूरे अनाज, प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर आहार शामिल होना चाहिए।
विश्राम और निद्रा: पर्याप्त आराम लेना और निद्रा का पूरा करना आपके शरीर के लिए आवश्यक है। यह आपके शरीर को मजबूत रखने और रोग से लड़ने के लिए मदद करेगा।
तंद्रा दूर करें: अपने मन को तंद्रा और चिंता से दूर रखने के लिए मनोरंजन करें। योग, मेडिटेशन, प्राणायाम और ध्यान जैसी तकनीक आपको मन को शांत और स्थिर रखने में मदद कर सकती हैं।
व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करना आपके शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान रखने में मदद कर सकता है।
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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