Health News: बहुमूत्र सोम रोग (Polyuria-Polydipsia Syndrome): एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें व्यक्ति को असामान्य रूप से अधिक मूत्र और प्यास का अनुभव होता है। इसके कारण मूत्राशय में पानी की मात्रा बढ़ जाती है और शरीर से पानी की कमी हो सकती है।
इस सिंड्रोम की वजह से मूत्र में उच्च ग्लूकोज या डायबिटीज भी हो सकता है। यदि आपको बहुमूत्र सोम रोग के लक्षण जैसे कि अत्यधिक प्यास, अत्यधिक मूत्र निकलना, थकान, वजन कमी, त्वचा की सूखा, भूख नहीं लगना आदि हो रहे हैं, तो आपको चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
इसका इलाज बेसिकली बहुमूत्र सोम रोग के कारणों पर निर्भर करेगा। अगर यह डायबिटीज के कारण हो रहा है, तो उचित डायाबिटीज प्रबंधन, जैसे कि डायबिटीज के लिए दवाओं का सेवन, आहार नियंत्रण, और व्यायाम आवश्यक हो सकते हैं।
यदि बहुमूत्र सोम रोग किसी अन्य मेडिकल समस्या के कारण हो रहा है, तो इसका इलाज उस समस्या के अनुसार किया जाएगा। चिकित्सक आपकी जांच करेंगे, आपके लक्षणों का मूल्यांकन करेंगे और उचित उपचार प्रदान करेंगे।
बहुमूत्र या सोम रोग का देसी इलाज-
1. जावित्री, नागरमोथा, कुन्द्र - तीनों के समान भाग में लेकर पाउडर करें। 2 ग्राम प्रतिदिन पानी से सेवन करें।
2. काले तिल, अजवाइन गुड़। पहले दो चीजों को कूटकर गुड़ मिला लें। 6 ग्राम रात्रि जल से साथ लें।
3. दालचीनी 20 ग्राम। इसे बारीक पीसकर 1 ग्राम रात्रि में सोते समय पानी से साथ लें।
4. उर्द, आँवला, अश्वगंधा, विदारीकंद। समान मात्रा में लेकर चूर्ण तैयार करें और कपड़े से छान लें। 4-4 ग्राम प्रातः सायं ताजे जल के साथ लें। रोग छूट जाता है।
5. बसन्त कुसुमाकर रस: इस दवा के व्यवहार के मूत्र के साथ चीनी निकलना; मूत्र का आधिक्य, तृष्णा, क्षय आदि नष्ट होते हैं। इस दवा के नियमित प्रयोग से नष्ट स्वास्थ्य ठीक हो जाता है। यह अत्यन्त शक्तिशाली औषधि है। जामुन के बीज का चूर्ण और मधु इसका अनुपान है।
6. माजून फलासफा या माजून कुंदरू 6 ग्राम कुश्ता जर्मद 125 गर्म दूध में मिलाकर लें, रात्रि सोते समय।
महत्वपूर्ण है कि आप एक प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह लें और अपने लक्षणों को सही निदान और उपचार के लिए जानने के लिए उनके साथ मिलें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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