 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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मधुमेह के मिथक और तथ्य:
दवाओं के साथ-साथ कुछ मसालों और जड़ी-बूटियों का सेवन कर हम अपने शरीर की शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो नाम में तो मीठी है लेकिन जीवन की मिठास को कम कर देती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह बीमारी पूरी दुनिया में जंगल की आग की तरह फैल रही है और भारत में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
आजकल युवा भी इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं और यह हृदय रोग, किडनी रोग और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां भी ला रहा है। ग्लूकोज पूरे शरीर में घूमता है। नतीजतन, यह स्वाभाविक रूप से शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है।
उच्च रक्त शर्करा वाले लोगों को कई दवाएं लेने की आवश्यकता होती है। अपनी जीवनशैली में बदलाव करके हम अपने शरीर में शुगर की मात्रा को भी कम कर सकते हैं। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं और अपनी जीवनशैली में बदलाव के अलावा हम कुछ मसालों और जड़ी-बूटियों का सेवन कर शरीर में शुगर को भी नियंत्रित कर सकते हैं।
आइए जानें इन जड़ी-बूटियों और मसालों के बारे में।
नीम:
नीम एक प्राकृतिक औषधीय पौधा है, जो अपने अद्भुत औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने से लेकर दांतों और त्वचा की देखभाल करने तक नीम के कई फायदे हैं। नीम में फ्लेवोनोइड्स, ग्लाइकोसाइड्स और ट्राइटरपीनोइड्स भी होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
अदरक:
अदरक का इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता है। यह शरीर को अंदर से गर्म रखता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अदरक इंसुलिन स्राव को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। कच्चा अदरक या अदरक ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन इसके ज्यादा सेवन से पेट की शिकायत हो सकती है।
मेंथी:
मधुमेह को नियंत्रित करने में मेथी बहुत कारगर है। यह शरीर में ग्लूकोज टॉलरेंस को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह घुलनशील फाइबर से भरपूर होता है जो पाचन को धीमा करके रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। मेथी में प्रोबायोटिक गुण होते हैं जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। इसलिए मधुमेह रोगियों को प्रतिदिन 10 ग्राम मेथी का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
दालचीनी:
यह एक ऐसा मसाला है जो खाने का स्वाद बढ़ा देता है। रोजाना दालचीनी का सेवन मधुमेह को दूर करने में मदद करता है। यह इंसुलिन की गतिविधि को प्रभावित करता है और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है। आप चाय भी बना सकते हैं या पानी में उबाल कर पी सकते हैं।
 
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