Published By:धर्म पुराण डेस्क

पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं तो इन बातों का रखें ख्याल, होगा दुगुना लाभ

घर, परिवार में जब भी कभी कोई धार्मिक अनुष्ठान कथा - पूजा आदि करायें तो कृपया संकल्प लेते समय निम्नानुसार इनका स्मरण करें अथवा मन ही मन बोलें.

अपना तथा पत्नी व बच्चों का नाम, राशि नाम, राशि स्वामी, नक्षत्र, नक्षत्र का चरण, लग्न एवं लग्न स्वामी, अपना गोत्र, (यदि गोत्र मालूम न हो तो 'कश्यप' गोत्र बोलें) कुलदेवता, ग्राम देवता, कुल देवी, पूर्वजों एवं माता-पिता का स्मरण, जिस शहर में आप निवास कर रहे हैं उसका नाम, क्षेत्र निवास स्थान के नजदीक वाली नदी, प्रसिद्ध तालाब, 9 ग्रहों, 27 नक्षत्रों, 12 राशियों, सभी देवी-देवताओं, सम्पूर्ण जीव-जगत्, वृक्षों, ऋषि-महर्षियों, योगियों, महात्माओं को नमन पूर्वक स्मरण कर प्रणाम एवं प्रार्थना करना चाहिए।

जन्म राशि, नक्षत्र आदि की जानकारी किसी ज्योतिषाचार्य से निकलवा कर सदैव अपने पास रखें।

धार्मिक अनुष्ठानों के समय उपरोक्त महाशक्तियों का स्मरण करने से हमारी पूजा व्यर्थ नहीं जाती, क्योंकि शास्त्रों में उल्लेख है कि यह सब जानकारियां एक प्रकार से बैंक की ब्रांच एवं नाम, खाते का प्रकार, खाता नम्बर आदि है। इनके स्मरण से हमारी प्रार्थनाएँ खाते में जमा होती है और उनका शुभ प्रभाव हमें मिलता है।

राशि नाम, नक्षत्र, गोत्र का स्मरण किए बिना जो भी पूजा करते है वह सब सही धर्म व पुण्य के खाते में जमा न होकर आकाश में विचरण करती रहती है। जिस प्रकार हम बैंक में पैसा जमा कराते समय खाता नं. सही न डाले अथवा जिस बैंक का A/c है उसमें जमा न करके किसी अन्य शाखा में जमा कर आवें तो वह पैसा हमारे खाते में जमा नहीं होगा ।


 

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