Published By:धर्म पुराण डेस्क

करवा चौथ: व्रत के बाद करें ये काम, सिरदर्द- एसिडिटी नहीं करेगी परेशान

आज कल की भागती दौड़ती ज़िंदगी में दिन भर निर्जला रहना कई बार शारीरिक मुश्किलों का कारण भी बन जाता है, ऐसे में व्रत के बाद सिरदर्द, एसिडिटी, सिर में भारीपन आदि जैसी समस्याओं से बचने के लिए करें ये उपाय..!

सनातन धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है। पौराणिक काल से ही करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा है। इस पर्व में चंद्रमा काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास रखकर शाम को चंद्रमा निकलने के बाद ही अपना उपवास खोलती है। माना जाता है कि, ये व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में भी सुख बना रहता है।

प्रेम के इस पर्व का व्रत आसान भी नहीं होता। आज कल की भागती दौड़ती ज़िंदगी में दिन भर निर्जला रहना कई बार शारीरिक मुश्किलों का कारण भी बन जाता है। ऐसे में व्रत के बाद सिरदर्द, एसिडिटी, सिर में भारीपन आदि जैसी समस्याओं का अनुभव भी होने लगता है।

ऐसे में व्रत खोलते समय या रात को सोने से पहले किये गए उपाय काफी प्रभावी होते हैं। जानिए इन उपायों के बारे में-

सौंफ-

सौंफ को 1 कप पानी में 3-5 मिनट के लिए भिगो दें। इसका पानी पीने से सूजन, सीने में जलन, गैस, पेट दर्द आदि समस्याएं दूर होंगी। इसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं और शौच को नियमित करने में सहायता मिलती है।

अजवायन-

अजवायन, शाही जीरा जैसी अन्य सामग्रियों को भी पानी में भिगोकर या उबालकर उसका पानी पी सकती हैं। अपच, गैस, सूजन, ऐंठन और मतली जैसी असुविधा को कम करने में मदद मिलेगी।

छाछ-

व्रत में दिनभर खाली पेट रहने के कारण पेट में गैस बनती है और जलन भी होने लगती है। इससे राहत पाने के लिए छाछ का सेवन भोजन के बाद कर सकती हैं।

अदरक की चाय-

ताजी अदरक को पानी में उबालकर चाय तैयार करें। यह चाय गैस्ट्रिक एसिड को बेअसर करने में मदद करती है। अदरक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी यौगिक है, जो लार, गैस्ट्रिक रस और पित्त उत्पादन को उत्तेजित करता है। चाय का सेवन व्रत खोलते वक्त या व्रत खोलने के बाद कर सकती हैं।

गुनगुना पानी-

उपवास के दौरान खाली पेट होने के कारण एसिडिटी होना स्वाभाविक है। एक गिलास गुनगुना पानी एसिडिटी से राहत दे सकता है। गुनगुना पानी भोजन और एसिड को पेट से आंतों तक आसानी से ले जाने में मदद करता है।

बबूने के फूल की चाय-

सूखे डेजी जैसे बबूने के फूलों (कैमोमाइल फूल) को उबालकर चाय बना लें। रात को सोने से पहले इसका सेवन करने से अपच, गैस और पेट की ऐंठन से राहत मिलेगी।

मुलेठी-

व्रत खोलने के बाद और सोने से पहले मुलेठी के सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होगी। 1 चम्मच पिसी हुई मुलेठी को बराबर मात्रा में गुड़ के साथ मिलाकर 1 कप गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।

तुलसी के पत्ते-

व्रत के कारण कभी-कभी सिरदर्द और मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है। ऐसे में तुलसी की 7-8 पत्तियों को चबाने से आराम मिलेगा। इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी शाम के बाद नहीं तोड़ी जाती है, इसलिए आप दिन में ही कुछ पत्तियां तोड़कर रख लें।

कब होगा चंद्रोदय-

1 नवंबर 2023 यानी करवा चौथ की रात्रि 08:15 बजे चंद्रोदय होगा। करवा चौथ पूजा मुहूर्त सायं 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 54 मिनट तक रहेगा और अमृत काल सायं 07 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इस समय आप चंद्रमा को देखकर व्रत का पारण सकते हैं। यह समय काफी शुभ रहने वाला है।

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