Published By:धर्म पुराण डेस्क

माँ भगवती श्री बगलामुखी ध्यान..

MAA BAGLAMUKHI..

पीताम्बराभरणमाल्यबिभूतिषताङ्गी।

देवीं स्मरामि धृतमुद्गर वैरिजिह्वाम्॥

चतुर्भुजां त्रिनयनां कमलासन संस्थितां।

त्रिशूलं पान पात्रं च गदा जिह्वां च विभ्रतीम्॥

बिम्बोष्ठी कंबुकण्ठीं च सम पीन पयोधरां।

पीताम्बरां मदाघूर्णां ध्यायेद् ब्रह्मास्व देवताम्॥

प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख मिलता है|

1. काली, 

2. तारा, 

3. षोड़षी, 

4. भुवनेश्वरी, 

5. छिन्नमस्ता,

6. त्रिपुर भैरवी, 

7. धूमावती, 

8. बगलामुखी,

9. मातंगी, 

10. कमला,

माँ भगवती बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट है

अग्नि बीज सहित मूल मंत्र:

ॐ हल्रीं बगलामुखि सर्व दुष्टानाम्

वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय

बुद्धिं विनाशय हल्रीं ॐ स्वाहा..


 

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