 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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पीताम्बराभरणमाल्यबिभूतिषताङ्गी।
देवीं स्मरामि धृतमुद्गर वैरिजिह्वाम्॥
चतुर्भुजां त्रिनयनां कमलासन संस्थितां।
त्रिशूलं पान पात्रं च गदा जिह्वां च विभ्रतीम्॥
बिम्बोष्ठी कंबुकण्ठीं च सम पीन पयोधरां।
पीताम्बरां मदाघूर्णां ध्यायेद् ब्रह्मास्व देवताम्॥
1. काली,
2. तारा,
3. षोड़षी,
4. भुवनेश्वरी,
5. छिन्नमस्ता,
6. त्रिपुर भैरवी,
7. धूमावती,
8. बगलामुखी,
9. मातंगी,
10. कमला,
माँ भगवती बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट है
ॐ हल्रीं बगलामुखि सर्व दुष्टानाम्
वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय
बुद्धिं विनाशय हल्रीं ॐ स्वाहा..
 
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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