शुक्र(वीनस) की जलीय प्रकृति है | स्कन्द पुराण में शुक्र(वीनस) को वर्षा लाने वाला ग्रह(प्लेनेट) कहा गया है | दैत्यों का गुरु होने के कारण इनकी भोग विलास की प्रकृति है |
प्रमुख ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार शुक्र(वीनस) सुन्दर,वात–कफ प्रधान, अम्लीय रुचि वाला, सुख में आसक्त, सौम्य दृष्टि, वीर्य से पुष्ट, रजोगुणी, आराम पसंद, काले घुंघराले केशों वाला, कामुक, सांवले रंग का तथा जल तत्व पर अधिकार रखने वाला है |
शुक्र(वीनस) एक नम ग्रह(प्लेनेट) हैं तथा ज्योतिष की गणनाओं के लिए इन्हें स्त्री ग्रह(प्लेनेट) माना जाता है।
शुक्र(वीनस) मीन राशि में स्थित होकर सर्वाधिक बलशाली हो जाते हैं जो बृहस्पति के स्वामित्व में आने वाली एक जल राशि है।
ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुशास्त्री पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार मीन राशि में स्थित शुक्र(वीनस) को उच्च का शुक्र(वीनस) भी कहा जाता है। मीन राशि के अतिरिक्त शुक्र(वीनस) वृष तथा तुला राशि में स्थित होकर भी बलशाली हो जाते हैं जो कि इनकी अपनी राशियां हैं।
कुंडली में शुक्र(वीनस) का प्रबल प्रभाव कुंडली धारक को शारीरिक रूप से सुंदर और आकर्षक बना देता है तथा उसकी इस सुंदरता और आकर्षण से सम्मोहित होकर लोग उसकी ओर खिंचे चले आते हैं तथा विशेष रूप से विपरीत लिंग के लोग।
शुक्र(वीनस) के प्रबल प्रभाव वाले जातक शेष सभी ग्रह(प्लेनेट) के जातकों की अपेक्षा अधिक सुंदर होते हैं।
शुक्र(वीनस) के प्रबल प्रभाव वालीं महिलाएं अति आकर्षक होती हैं तथा जिस स्थान पर भी ये जाती हैं, पुरुषों की लंबी कतार इनके पीछे पड़ जाती है।
शुक्र(वीनस) के जातक आम तौर पर फैशन जगत, सिनेमा जगत तथा ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में सफल होते हैं जिनमें सफलता पाने के लिए शारीरिक सुंदरता को आवश्यक माना जाता है।
भारतीय वैदिक ज्योतिष में शुक्र(वीनस) को मुख्य रूप से पति या पत्नी अथवा प्रेमी या प्रेमिका का कारक माना जाता है।
कुंडली धारक के दिल से अर्थात प्रेम संबंधों से जुड़ा कोई भी मामला देखने के लिए कुंडली में इस ग्रह(प्लेनेट) की स्थिति देखना अति आवश्यक हो जाता है।
कुंडली धारक के जीवन में पति या पत्नी का सुख देखने के लिए भी कुंडली में शुक्र(वीनस) की स्थिति अवश्य देखनी चाहिए।
शुक्र(वीनस) को सुंदरता की देवी भी कहा जाता है और इसी कारण से सुंदरता, ऐश्वर्य तथा कला के साथ जुड़े अधिकतर क्षेत्रों के कारक शुक्र(वीनस) ही होते हैं,
जैसे कि फैशन जगत तथा इससे जुड़े लोग, सिनेमा जगत तथा इससे जुड़े लोग, रंगमंच तथा इससे जुड़े लोग, चित्रकला तथा चित्रकार, नृत्य कला तथा नर्तक-नर्तकियां, इत्र तथा इससे संबंधित व्यवसाय, डिजाइनर कपड़ों का व्यवसाय, होटल व्यवसाय तथा अन्य ऐसे व्यवसाय जो सुख-सुविधा तथा ऐश्वर्य से जुड़े हैं।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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