Published By:धर्म पुराण डेस्क

Navratri 4th Day: नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कूष्मांडा की पूजा, मिलेगा स्वास्थ्य लाभ

Navratri 4th Day: आज शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है. इस दिन नवरात्रि में माता कूष्मांडा देवी की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों को पूजा जाता है. 

यह मान्यता है कि नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है. इनकी उपासना से सिद्धियों में निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु-यश में वृद्धि होती है. 

देवी कूष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है. कूष्मांडा का अर्थ है कुम्हड़े. मां को बलियों में कुम्हड़े की बलि सबसे ज्यादा प्रिय है. इसलिए इन्हें कूष्मांडा देवी कहा जाता है. 

ऐसा है मां का स्वरूप:

कूष्मांडा देवी की आठ भुजाएं हैं, जिनमें कमंडल, धनुष-बाण, कमल पुष्प, शंख, चक्र, गदा और सभी सिद्धियों को देने वाली जपमाला है. मां के पास इन सभी चीजों के अलावा हाथ में अमृत कलश भी है. इनका वाहन सिंह है और इनकी भक्ति से आयु, यश और आरोग्य की वृद्धि होती है.
 
ऐसे करें पूजा-

माता कूष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा दरबार में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद देना चाहिए. इससे माता की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है, बुद्धि और कौशल का विकास होता है. देवी को लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चूड़ी भी अर्पित करना चाहिए.

मां कूष्मांडा पूजन विधि-  

नवरात्र में इस दिन भी रोज की भांति सबसे पहले कलश की पूजा कर माता कूष्मांडा को नमन करें. इस दिन पूजा में बैठने के लिए हरे रंग के आसन का प्रयोग करना बेहतर होता है. मां कूष्मांडा को इस निवेदन के साथ जल पुष्प अर्पित करें कि उनके आशीर्वाद से सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहे. अगर आपके घर में कोई लंबे समय से बीमार है तो इस दिन मां से खास निवेदन कर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करनी चाहिए.

देवी को पूरे मन से फूल, धूप, गंध, भोग चढ़ाएं. मां कूष्मांडा को विविध प्रकार के फलों का भोग अपनी क्षमतानुसार लगाएं. पूजा के बाद अपने से बड़ों को प्रणाम कर प्रसाद वितरित करें.

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