Published By:धर्म पुराण डेस्क

शादी में रुकावटें : ज्योतिषीय कारण ..

अक्सर देखा जाता है कि कई लोगों की शादी में रुकावटें आती हैं। कई लोगों की शादियां तलाक से खत्म हो जाती हैं। बहुतों के पास एक उपयुक्त साथी भी नहीं होता है। यह सिर्फ आपकी गलती नहीं है। कभी-कभी ऐसा ग्रहों के कारण होता है।

आज हम उन कारणों को बता रहे हैं जो अक्सर विवाह में बाधा उत्पन्न करते हैं।

भोपाल: अक्सर देखा जाता है कि कई लोगों की शादी में रुकावटें आती हैं. कई लोगों की शादियां तलाक में बदल जाती हैं। बहुतों के पास एक उपयुक्त साथी भी नहीं होता है। कई मामलों में मनचाहे जीवनसाथी से शादी नहीं हो पाती है। 

ऐसे में अक्सर लोग इसे टेढ़ी नजर से देखने लगते हैं और कई लोग अपनी किस्मत को कोसने भी लगते हैं. लेकिन यह सिर्फ आपकी गलती नहीं है। कभी-कभी ऐसा ग्रहों के कारण होता है। आज हम उन कारणों को बता रहे हैं जो अक्सर विवाह में बाधा उत्पन्न करते हैं।

रिश्तों पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव - माता-पिता अक्सर अपने बच्चों की शादी को लेकर चिंतित रहते हैं। आज की दुनिया में आर्थिक और तकनीकी विकास हो रहा है जो संबंधों को भी प्रभावित कर रहा है। नतीजतन, परिवार के बीच प्यार कम हो रहा है। 

वैवाहिक संबंधों में सहनशीलता कम हो रही है। छोटी-छोटी बातें युद्ध का रूप ले रही हैं। एक दूसरे के लिए प्यार और सम्मान कम हो रहा है।

ऐसे में शादीशुदा जिंदगी में देखभाल और समझ की जरूरत होती है। यदि आप धैर्य नहीं रखते हैं तो दाम्पत्य जीवन कठिन हो सकता है।

शादी न होने के ये हैं मुख्य कारण-

- कभी-कभी कुछ ग्रह वैवाहिक परेशानी का कारण बन सकते हैं। 

- कुछ रेखाएं जीवन में परेशानी का कारण बन सकती हैं। 

- जब मंगल, बृहस्पति, राहु ख़ास निश्चित स्थिति में हों तो विवाह में समस्या उत्पन्न होती है।

-यदि मंगल, बृहस्पति, राहु ग्रह उपयुक्त नहीं हैं तो वांछित व्यक्ति से विवाह करने में बाधाएं आती हैं।

- सप्तम में मंगल, गुरु, राहु का प्रभाव होने पर भी वांछित व्यक्ति का विवाह नहीं हो सकता। ऐसे में आपको धैर्य रखना होगा।

- मंगल, बृहस्पति या राहु की बढ़ती समस्या या मतभेद की स्थिति में मानसिक संबंध नहीं होता है।

- खराब मंगल, बृहस्पति या राहु की दशा में जातक विवाहेतर संबंधों की ओर बढ़ने लगता है।

- यदि राहु सप्तम भाव को प्रभावित करे तो विवाह में धोखा मिलने की संभावना रहती है।


 

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