Published By:धर्म पुराण डेस्क

ग्रहण में सावधानियां

ग्रहण के समय ये सावधानियां रखनी चाहिये| 

(1) कोई भी व्यक्ति ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखें। वृद्ध, रोगी, अशक्त व्यक्तियों को छोड़कर अन्य कोई व्यक्ति ग्रहण के समय भोजन तथा शयन नहीं करें।

(2) कामवासना की प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिये। ग्रहण के समय साधु-संतों का मजाक नहीं उड़ाएँ। इस समय अपने-अपने इष्ट, गुरु मंत्र का जाप करें।

(3) गर्भवती स्त्रियों को आने वाली संतान की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखना चाहिये तथा उन्हें घर से बाहर नहीं आना चाहिए। इससे संतान उदास व मानसिक रूप से परेशान रहेगी। जीवन में कष्ट व उतार-चढ़ाव रहेंगे।

(4) ग्रहण के मोक्ष का समय हो जाने के बाद नदी, तालाब, सरोवर, मंदिरों के बाहर या घर पर गंगा जल या नर्मदा का जल पिये व स्नान करें। इससे दुःख दूर होकर शरीर के रोगों पर नियंत्रण होगा। मन में दया करुणा के भाव जागृत होंगे।

ग्रहण काल की साधनाएँ एवं प्रयोग से पूर्व…

सावधानियां-

(1) ग्रहण स्पर्श होने से पूर्व ही सामग्री आदि साधना स्थान पर एकत्रित कर लें।

(2) घुले हुए शुद्ध पूजा के समय पहनने वाले वस्त्र पहले से ही तैयार रखें। 

(3) कम्बल अथवा कुश का बना आसन तैयार रखें।

(4) जाप करने की माला संभाल कर रख लें। यदि आपके साथ अन्य व्यक्ति भी साधना करने वाले है तो गौमुखी का प्रयोग करें, जिससे जाप करते हुए हाथ किसी को नजर नहीं आये।

(5) ग्रहण स्पर्श होने से पूर्व ही स्नान आदि कर साधना स्थल पर प्रवेश कर जायें।

(6) ग्रहण समाप्त होने पर पुनः स्नान आदि करें, उसके बाद ही पूजन सामग्री आदि को हाथ लगाये।

(7) ग्रहण समाप्त होने पर यथाशक्ति दान-पुण्य अवश्य करें। किसी भी सफाई करने वाले व्यक्ति को, कोढ़ी को, शारीरिक रूप से अपंग व्यक्ति को अपने पहनने के कपड़े, अनाज आदि अपने शरीर पर से सात बार घुमा कर दान करें।


 

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