 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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Raksha Bandhan 2023: भाई-बहन का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन इस बार दिन में नहीं बल्कि रात में मनाया जाएगा. ऐसा ग्रहों के खास संयोग के कारण हो रहा है. इस बार सुबह 10 बजे से पूनम लग रही है. लेकिन, इसी वक्त से भद्रा भी शुरू हो रहे हैं. इस कारण इस समय राखी बांधना धर्म संगत नहीं है.
इस संबंध में ‘Zee mp-cg’ की रिपोर्ट के अनुसार, उज्जैन के विख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास के मुताबिक, इस बार सुबह 10 बजे से पूनम लग जाएगी. राखी पूनम लगने पर ही बांधी जाती है. लेकिन, इस बार सुबह 10 बजे से ही भद्रा लग रही है जो रात 08 बजकर 50 मिनट तक रहेगी. भद्रा अशुभ काल है जिसमें राखी बांधना उचित नहीं होता. मनुष्य ही नहीं इस बार देवताओं को भी रात में ही राखी बांधी जाएगी.
ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास का कहना है कि राखी सुबह भी नहीं बांधी जा सकती. क्योंकि, भद्रा के पहले चौदस है और चौदस में राखी नहीं बांधी जाती. इसलिए शुभ मुहूर्त रात 8:50 के बाद ही है.
ज्योतिषाचार्य एवं पंडित आनंद शंकर व्यास ने पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि 'यूं तो राजा बलि से संबंधित इसकी कथाएं हैं. लेकिन, आज के समय की बात करें तो बहन अपने भाई से राखी बंधवाकर या राखी बांधकर यह प्रार्थना करती है कि मैं आपके घर से तो दूर चली गई हूं या जाऊंगी और दूसरे घर को अपना घर समझ उनके नियमों का पालन कर रही हूं, या करूंगी. मेरी हर पीड़ा, हर कष्ट में मेरा ध्यान रखना मेरी रक्षा करना.
सनातन धर्म में प्रथम पूज्य श्री गणेश राखी सबसे पहले भगवान को बंधेगी. उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर के बाहर बड़ा गणेश मंदिर पर सबसे पहले राखी बंधेगी. इसके बाद सभी लोग पर्व को मनाएंगे.
बड़ी संख्या में बहनों का तांता बड़े गणेश मंदिर पर लगता है. इस दिन रात में रखी बांधी जाएगी. ऐसा वही लोग करेंगे धर्मशास्त्र और नियमों के मार्ग पर चलने वाले लोग होंगे. इसका मुहूर्त सिर्फ 30 तारीख की रात का है. 31 तारीख को कोई मुहूर्त नहीं है.
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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