Published By:धर्म पुराण डेस्क

ऋषि पंचमी : क्यों महत्वपूर्ण है व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त-पूजन विधि

उदया तिथि के अनुसार ऋषि पंचमी 01 सितंबर को मनाई जाएगी और पूजा मुहूर्त एक सितंबर को सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 1 बजकर 37 मिनट तक रहेगा..!

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हर साल मनाई जाती है। इस दिन सप्त ऋषियों के साथ माता अहिल्या की भी पूजा की जाती है। महिलाओं के लिए ऋषि पंचमी की पूजा और व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है। हिंदू धर्म में ऋषि मुनियों को विशेष स्थान दिया गया। कहते हैं जो भी महिला ऋषि पंचमी के दिन पवित्र मन से व्रत और पूजा करती है वो अपने पापों से मुक्त हो जाती है। उदया तिथि के अनुसार ऋषि पंचमी 01 सितंबर को मनाई जाएगी और पूजा मुहूर्त एक सितंबर को सुबह 11 बजकर 04 मिनट से दोपहर 1 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। 

पूजन विधि-

इस दिन महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ सुथरे वस्त्र पहनने चाहिए। घर को पवित्र करने के लिए आप गंगाजल छिड़कें। इसके अलावा पूजा के स्थान को गाय के गोबर से भी लीपा जा सकता है। इसके बाद सप्तऋषियों और माता अहिल्या की प्रतिमा बनाकर उनकी स्थापना करें। अब कलश रखें और व्रत का संकल्प करें। सप्तऋषियों की प्रतिमा पर हल्दी, चंदन, पुष्प, अक्षत चढ़ाएं। फिर सप्तऋषियों की कथा सुनें या पढ़ें। अंत में सभी को प्रसाद बांटकर व्रत को पूरा करें।

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