ईश्वर में आस्था रखना, नियमित इष्टदेव की उपासना एवं पूजा-पाठ करना सबसे बड़ा बचाव मंत्र है।
बृहस्पति देव की नियमित आराधना करना अथवा मंदिर बनवाकर पूजा करने से भी दुर्घटना से बचा जा सकता है।
• आठ छुआरे लाल सूती कपड़े में बांधकर गाड़ी में रखने से वाहन दुर्घटना के योग में कमी आती है।
• वाहन दुर्घटना नाशक यंत्र की शुद्धता एवं पूजा कराकर वाहन में स्थापित करने से भी दुर्घटना से बचा जा सकता है।
- शिव आराधना करने से तथा 'ओम नमः शिवाय' मंत्र का जाप करने से भी अरिष्ट योग समाप्त होते हैं।
- जिस समय में जातक के दुर्घटना के योग बनते हों, उस समय उसे नियमित रूप से निःशुल्क रक्तदान करना चाहिए।
• पीपल वृक्ष को सींचने से भी बुरे योग के प्रभाव में कमी आती है।
• केले के पौधे में बृहस्पति का निवास होता है। अतः उसे घर में गमले में लगाना चाहिए, तथा हल्दी का तिलक लगाकर पीला पुष्प चढ़ाएं तथा जल चढ़ाएं तो शुभ फल मिलते हैं।
• प्रत्येक गुरुवार को बृहस्पति देव की कथा पढ़नी चाहिए।
• पितृ देवता एवं इष्ट देवता की कृपा एवं आशीर्वाद से भी दुर्घटना से बचाव संभव है।
• सदैव वाहन सावधानी से चलाना ही हितकर रहता है, क्योंकि सावधानी हटते ही दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है।
विद्या
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