सावन महीने के छठे सोमवार को सुबह से ही भगवान शिव के मंदिर जयकारों से गूंज उठे। शिवजी की पूजा के लिए शिवालयों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। मंदिरों में श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करते नजर आए।
इधर उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में तड़के 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए। तड़के भस्म आरती में बाबा महाकाल को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन कर भस्म अर्पित की गई।
भगवान महाकाल का भांग, चंदन और आभूषणों से राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार कर आरती की गई। इसके बाद शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला रात 10.45 पर शयन आरती के बाद समाप्त होगा। शाम करीब 4 बजे छठी सवारी में भगवान महाकाल घटाटोप के स्वरूप में दर्शन देंगे।
सावन महीने के छठे सोमवार पर बाबा महाकाल लगातार 20 घंटे तक भक्तों को दर्शन देंगे। सोमवार को 5 लाख भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। भक्तों की भीड़ को 40 मिनट में दर्शन के इंतजाम किए गए हैं।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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