Published By:धर्म पुराण डेस्क

श्रावण मास की प्रथम सवारी, प्रजा का हाल जानने निकले महाकाल

सावन सोमवार पर भगवान महाकालेश्वर की पहली शाही सवारी ठाट-बाट से निकली। बाबा महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले। सवारी में शामिल होने देशभर से हजारों की तादात में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे।

सावन सोमवार के अवसर पर निकाली गई शोभा यात्रा को लेकर जबर्दस्त उत्साह दिखा। फूलों से सजी पालकी में बाबा की सवारी को देख भक्त निहाल हो गए। शिव भक्तों की भारी भीड़ के बीच इस दौरान 'ऊं नम शिवाए के नारों की गूंज रही। 

सवारी में शामिल होने आए देशभर से हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर जय महाकाल का जयघोष किया। सवारी में विभिन्न वेश-भूषा पहने भक्त नाच-गाकर सवारी की शोभा बढ़ा रहे थे। वहीं हजारों की संख्या में सड़क किनारे खड़े भक्त बाबा की एक झलक पाने को लालायित दिखे।

गौरतलब है कि लंबे वक्त के बाद आखिरकार भक्तों का वह इंतजार पूरा हुआ जब राजाधिराज बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने पालकी में सवार होकर निकले। बीते 2 साल से कोरोना संक्रमण होने के कारण बाबा महाकाल की सवारी में भक्तों को शामिल होने की परमिशन नहीं थी, लेकिन इस बार प्रशासन, बाबा महाकाल की सवारी में भक्तजन भी शामिल हुए। बाबा महाकाल की सवारी से जुड़ी व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए आला अधिकारी  पहले ही मैदान में उतर चुके थे।

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