 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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14 अप्रैल से सूर्य मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में प्रवेश करेगा। मेष राशि में सूर्य हमेशा शुभ फल देता है, लेकिन इस बार स्थिति अलग है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह निश्चित अंतराल पर भ्रमण करते हैं और शुभ और अशुभ योग बनाते हैं। जो देश और दुनिया के साथ मानव जीवन को भी प्रभावित करता है। 14 अप्रैल को राहु और सूर्य मेष राशि में मिलकर ग्रहण योग बना रहे हैं।
ज्योतिष शास्त्र में इस दोष को बहुत ही अशुभ माना गया है। ग्रहण दोष तब होता है जब राहु सूर्य को पीड़ित करता है। इसलिए राशियों पर सूर्य का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। क्योंकि वह सूर्य देव अपना तेज खो देते हैं। साथ ही शनि की तीसरी राशि सूर्य देव पर पड़ेगी। तो इस योग का अशुभ प्रभाव एक महीने तक रहेगा। लेकिन खासकर 20 अप्रैल से 28 अप्रैल तक आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी।
आइए जानें कौन सी हैं वो 4 राशियां, जिनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
राहु पहले से ही मेष राशि में विराजमान है। ऐसे में राहु और सूर्य की युति मेष राशि में ग्रहण योग बनाएगी। इस युति पर शनि की नकारात्मक दृष्टि होगी।
ज्योतिषियों का कहना है कि तीन राशियों में इस ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा।
वृष- सूर्य- राहु की युति आपके द्वादश भाव में ग्रहण योग बना रही है। इस राशि के लोगों के खर्चे बढ़ सकते हैं। बचत करने में दिक्कत आ सकती है। मानसिक तनाव और परिवार को कष्ट हो सकता है। घूमने का प्लान बना सकते हैं। मां से अनबन हो सकती है।
कन्या- इस राशि में अष्टम भाव में ग्रहण योग बन रहा है. आप हादसों का शिकार हो सकते हैं। घर में बीमारी हो सकती है।
मकर- आपकी राशि से चतुर्थ भाव में सूर्य राहु की युति से ग्रहण योग बनाएगा। शत्रु आपके विरुद्ध कोई योजना बना सकते हैं। घर में भी अनबन हो सकती है। सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। ग्रहण योग में होने से खर्चे बढ़ सकते हैं। अगले 30 दिनों के लिए वित्तीय सौदे या निवेश करने से बचें। इसका असर आपके वैवाहिक जीवन पर भी पड़ सकता है।
वृश्चिक- सूर्य और राहु की युति आपके लिए हानिकारक हो सकती है। क्योंकि यह युति आपकी राशि से छठे भाव में होगी। जिसका अर्थ रोग, शत्रु, भय, बाधा और न्याय समझा जाता है। अत: 20 व 28 अप्रैल तक शत्रु भय हो सकता है। साथ ही आप कोई पुलिस केस हार सकते हैं। वहीं दूसरी ओर गुप्त शत्रु आपको परेशान कर सकते हैं। हृदय रोगियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसलिए सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। माणिक्य भी धारण किया जा सकता है। राहु को दान दें। भैरो मंदिर जाएं और दीपक जलाएं।
कुम्भ (Aquarius Zodiac)- कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य और राहु की युति प्रतिकूल हो सकती है। क्योंकि यह युति आपकी राशि से तीसरे भाव में बनेगी। इसलिए इस समय आप जो भी करें योजनाबद्ध तरीके से करें। साथ ही व्यापार से जुड़े जातकों को भी इस समय किसी को कर्ज नहीं देना चाहिए। साथ ही आपको किसी के द्वारा धोखा भी मिल सकता है। वैवाहिक जीवन और साझेदारी के स्वामी सूर्य देव हैं। वैवाहिक जीवन में अनबन हो सकती है। साथ ही साझेदारी के कार्य में हानि होने की भी संभावना है। साथ ही कोई लंबी यात्रा आपके लिए कष्टदायक हो सकती है।
 
 
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