नवग्रहों में सूर्य को राजा और चंद्रमा को रानी कहा गया है। जबकि मंगल को सामान्य माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि यदि इन तीनों ग्रहों की स्थिति अनुकूल हो तो बाकी ग्रहों की स्थिति बहुत अच्छी न होने पर भी सब कुछ संतुलित रहता है।
सूर्य के अनुकूल होने के तरीके:
यदि कुंडली में ग्रहों का राजा शुभ स्थिति में हो तो जातक को नाम, यश, कीर्ति, उच्च पद, पदोन्नति आदि की प्राप्ति होती है। लेकिन यदि सूर्य अशुभ हो तो कड़ी मेहनत के बावजूद बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
उपाय:- प्रतिदिन सूर्य को जल दें। रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का जाप करें।
चंद्रमा के अनुकूल होने के तरीके:
चंद्रमा मन का कारक ग्रह है जो बहुत ही चंचल होता है। यदि कुंडली में चंद्रमा अशुभ हो तो मानसिक अशांति, उदासीनता आदि की समस्या हो सकती है। जीवन में अस्थिरता है।
उपाय- मोती धारण करें। मां की सेवा करो। चांदी, चावल आदि का दान करें। जल में मिला हुआ दूध शिवलिंग पर चढ़ाएं।
मंगल ग्रह के अनुकूलन के उपाय:
मंगल ग्रह व्यक्ति को बलवान और साहसी बनाता है। व्यक्ति किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। लेकिन अगर कुंडली में मंगल अशुभ हो तो जातक के पराक्रम में कमी आती है।
उपाय:- मंगलवार के दिन सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें। चोला चढ़ाएं हनुमानजी को मंगलवार को।
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