Published By:धर्म पुराण डेस्क

वनखंडेश्वर मंदिर: भिंड का गौरव, भगवान शिव का निवास

भिंड शहर का वनखंडेश्वर मंदिर, भगवान शिव को समर्पित एक भव्य और प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला, धार्मिक महत्व और अखंड ज्योति के लिए जाना जाता है।

मंदिर का इतिहास:

वनखंडेश्वर मंदिर का निर्माण 1175 ईस्वी में राजा पृथ्वीराज चौहान द्वारा करवाया गया था। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक प्राचीन शिवलिंग के स्थान पर किया गया था।

मंदिर की वास्तुकला:

वनखंडेश्वर मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है। मंदिर का गर्भगृह भव्यता से परिपूर्ण है। गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग काले पत्थर से बना है और इसकी ऊंचाई लगभग 12 फीट है।

अखंड ज्योति:

वनखंडेश्वर मंदिर में एक अखंड ज्योति जल रही है, जो सदियों से निरंतर प्रज्वलित है। यह ज्योति भक्तों के लिए आस्था और प्रेरणा का प्रतीक है।

धार्मिक महत्व:

वनखंडेश्वर मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और आस्था व्यक्त करने के लिए लाखों श्रद्धालु हर साल इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं।

महाआरती और मेला:

हर सोमवार, वनखंडेश्वर मंदिर में महाआरती का आयोजन किया जाता है। यह महाआरती भक्तों के लिए एक विशेष आकर्षण है। महाशिवरात्रि के त्यौहार के दौरान, मंदिर में एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है।

कैसे पहुंचें:

हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर है, जो भिंड से लगभग 75 किलोमीटर दूर है।

ट्रेन: नजदीकी रेलवे स्टेशन भिंड रेलवे स्टेशन है।

सड़क: भिंड शहर से वनखंडेश्वर मंदिर तक पहुंचना आसान है। आप बस या टैक्सी द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

वनखंडेश्वर मंदिर भिंड का गौरव है। यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था और प्रेरणा का प्रतीक है। यदि आप भिंड घूमने जा रहे हैं, तो वनखंडेश्वर मंदिर का दर्शन अवश्य करें।

यह भी ध्यान दें:

< मंदिर में प्रवेश करते समय, उचित वेशभूषा पहने और मंदिर के नियमों का पालन करें।

< मंदिर में दर्शन के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है।

< मंदिर परिसर में कई दुकानें हैं जहाँ आप धार्मिक सामग्री और स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं।

वनखंडेश्वर मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

* मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है, यानी इसका निर्माण मनुष्यों द्वारा नहीं किया गया है।

* मंदिर परिसर में कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित है।

* मंदिर के सामने एक विशाल नंदी बैल की मूर्ति स्थापित है।

* मंदिर का जीर्णोद्धार कई बार किया गया है।

आशा है कि यह लेख आपको वनखंडेश्वर मंदिर के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मददगार होगा।

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