शिशु के गले में कटला-
कटला एक प्रकार की काले धागे से बनी माला होती है, जिसमें कई प्रकार की चीजें बंधी होती है।
अक्सर आपने देखा होगा कि छोटे शिशुओं के गले में एक काला धागा जिसमें स्वर्ण धातु का सूर्य, चांदी का चन्द्रमा, छोटा सा चाकू, तांबे का छेददार छल्ला या सिक्का बंधा रहता है। इसे नवजात शिशु के गले में बांधा जाता है।
आजकल बड़े शहरों में शिशुओं के गले में यह नहीं बांधा जा रहा है, जिसके कारण शिशुओं में रोग, भय व मृत्यु तुल्य कष्ट बने रहते हैं। यह कटला बालक को पूतनादि राक्षसियों (जो केवल छोटे शिशुओं पर ही आक्रमण करती है) से बचाता है।
सूर्य व चंद्र पहनाने से बालारिष्ट का प्रभाव समाप्त होता है। चाकू व तांबे का छल्ला, भूत-प्रेतादि से शिशु की रक्षा करता है कभी-कभी आपने देखा होगा। कुछ छोटे बच्चे सोते-सोते अचानक डर जाते हैं, चमकते हैं, चिल्लाते हैं व रोने लगते हैं। यह सब इन्हीं 27 राक्षसियों का प्रभाव होता है।
कटला शिशु के गले में पहनाने से शिशु की रक्षा होती है। बालक डरपोक व कायर नहीं बनता।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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