<p><strong>भगवान विष्णु के 10 प्रसिद्ध मंदिर</strong></p>
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<p>कहते हैं पाप का नाश करने के लिए समय-समय पर भगवान विष्णु इस धरती पर प्रकट हुए. कभी मर्यादा पुरुषोत्तम राम, तो कहीं श्री कृष्ण के अवतार में भगवान ने अपने भक्तों के कष्ट दूर किए. इस कलयुग में भी उनके भक्तों की श्रद्धा इन मंदिरों में देखने को मिलती है...</p>
<p><strong>10. श्रीनाथ जी</strong></p>
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<p>कहते है यह एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां श्री कृष्ण को बाल रूप में पूजा जाता है. यह मूर्ति नाथद्वारा मंदिर बनने के पहले से ही यहां स्थापित थी. श्रीनाथ जी के दर्शन के लिए यहां हर साल भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.</p>
<p><strong>9. कनक भवन</strong><br />
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<p>अयोध्या के राम मंदिर को कनक भवन के नाम से भी जाना जाता है. यहां श्री हरि के राम अवतार को पूजा जाता है. इस मंदिर में राम नवमी का उत्सव बड़े हर्ष के साथ मनाया जाता है. माना जाता है कि कनक भवन में <strong><a href="http://aajtak.intoday.in/story/ram-stuti-in-hindi-shree-ramchandra-kripalu-1-866954.html" target="_blank">श्री राम</a></strong> ने कौशल्या के गर्भ से जन्म लिया था.</p>
<p><strong>8. सिंहाचलम मंदिर</strong></p>
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<p>यह मंदिर विशाखापट्टनम के पास है. सिंहाचलम में भगवान विष्णु के नरसिंह <strong><a href="http://aajtak.intoday.in/story/dashavtar-of-lord-vishnu-in-hindi-bhagwan-vishnu-ke-dus-avatar-1-866291.html" target="_blank">अवतार</a></strong> को पूजा जाता है. </p>
<p><strong>7. बांके बिहारी</strong></p>
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<p>यह कृष्ण मंदिर उत्तर प्रदेश के वृंदावन में है. यहां गोपाल की मूर्ति त्रिभंग रूप में है. माना जाता है कि इस मूर्ति में भगवान कृष्ण का सबसे मोहक और आकर्षक रूप दिखता है. बांके बिहारी में जन्माष्टमी पर निकलने वाली झूलन यात्रा और अक्षय तृतीय का पर्व देखने लायक होता है.</p>
<p><strong>6. द्वारिकाधीश</strong></p>
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<p>यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है. माना जाता है द्वारिकाधीश लगभग 2000 साल पुराना मंदिर है. इस मंदिर को <strong><a href="http://aajtak.intoday.in/story/do-worship-lord-krishna-on-kamada-ekadashi-1-864440.html" target="_blank">भगवान कृष्ण</a></strong> के पोते वज्रनाभ ने बनवाया था. यह इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि द्वारिका में है, जहां कान्हा का निवास था. द्वारिकाधीश 'चार धाम' में से एक है.</p>
<p><strong>5. विट्ठल रुकमिणी</strong></p>
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<p>यह वैष्णव मंदिर महाराष्ट्र के पंढरपुर में है. विट्ठल रुकमिणी भगवान विष्णु के रूप विठोबा को समर्पित है. यहां <a href="http://aajtak.intoday.in/story/chanting-the-mantra-of-lord-vishnu-will-increase-your-wealth-for-properity-1-860349.html" target="_blank"><strong>श्री हरि</strong> </a>और उनकी पत्नी रुकमिणी विराजमान है.</p>
<p><strong>4.</strong> <strong>वेंकटेश्वर</strong></p>
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<p>यह <strong><a href="http://aajtak.intoday.in/story/chanting-the-mantra-of-lord-vishnu-will-increase-your-wealth-for-properity-1-860349.html" target="_blank">भगवान विष्णु</a></strong> के सबसे पुराने और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. वेंकटेश्वर मंदिर तिरुपति के पास तिरूमाला पहाड़ी पर है. हर साल अनगिनत लोग यहां आकर भगवान वेंकटेश का आशीर्वाद और दर्शन पाते हैं.</p>
<p><strong>3. रंगानाथ स्वामी</strong></p>
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<p>यह दक्षिण भारत के तिरुचिरापल्ली शहर के श्रीरंगम में स्थित है. रंगानाथ स्वामी<strong> </strong>श्री हरि के विशेष मंदिरों में से एक है. कहा जाता है भगवान विष्णु के अवतार श्री राम ने लंका से लौटने के बाद यहां पूजा की थी.</p>
<p><strong>2. जगन्नाथ</strong></p>
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<p>यह मंदिर भी वैष्णवो के 'चार धाम' में शामिल है. <strong><a href="http://aajtak.intoday.in/story/incredible-facts-of-jagannath-puri-temple-1-859184.html" target="_blank">जगन्नाथ पुरी से जुड़ीं कई अद्भुत कथाएं</a></strong> हैं जो आज भी देखने को मिलती हैं. यहां हर साल निकलने वाली विशेष रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं.</p>
<p><strong>1. बद्रीनाथ</strong></p>
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<p>श्री बद्रीनाथ उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा के किनारे विराजमान है. यह हिंदू धर्म के 'चार धाम' में से एक तीर्थस्थल है. यह भगवान विष्णु को समर्पित 108 मंदिरों (दिव्य देसम) में शामिल है, जिनका तमिल संतों ने छठी से 9वीं शताब्दी के बीच उल्लेख किया था. </p>