Published By:धर्म पुराण डेस्क

अक्षय तृतीया: भगवान विष्णु-मां लक्ष्मी की पूजा के साथ जानिये क्यों खरीदा जाता है शंख? 

अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है, लेकिन इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना भी लाभकारी माना जाता है...

अक्षय तृतीया का ऐतिहासिक पर्व तपस्या की महिमा और संसार में दान के प्रवाह का पर्व है। माना जाता है कि जो लोग अक्षय तृतीया पर 'दान' के साथ तप की पूजा करते हैं, वे अक्षय पद को प्राप्त कर सकेंगे।

वैसे तो अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है, लेकिन इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना भी लाभकारी माना जाता है। ऐसा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है और जीवन के सारे संकट भी दूर हो जाते हैं।

अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु की पूजा का पुण्य प्राप्त करने के लिए तुलसी के कुछ पत्ते प्रसाद में रखें। इस उपाय को करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

हिंदू धर्म में श्री यंत्र को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन इस यंत्र की पूजा करना शुभ माना जाता है। पूजा के साथ-साथ इस उपाय को करने से पूरे साल आपको किसी तरह की आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अक्षय तृतीया पर तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए और किसी भी बुजुर्ग का अपमान नहीं करना चाहिए।

धार्मिक मान्यता के अनुसार शंख को देवी लक्ष्मी का भाई माना जाता है। ऐसे में हो सके तो अक्षय तृतीया के दिन शंख खरीदकर घर ले आएं। माना जाता है कि इस उपाय से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

कुछ लोगों का मानना ​​है कि सतयुग की शुरुआत भी इसी दिन से हुई थी। तो यह भी युगादि तिथि है। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ईद-उल-फितर के पर्व पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्व भाईचारे, प्रेम, शांति, सौहार्द्र, त्याग तथा करुणा की भावना को बढ़ाता है। मुख्यमंत्री चौहान ने नागरिकों से ईद-उल-फितर का त्योहार आपसी भाईचारे और सद्भाव के साथ मनाने की अपील भी की है।


 

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