22 May 2022
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यह मनुष्य योनि सुख-दुःख भोगने के लिये नहीं मिली है, ये सुख-दुःख से ऊँचा उठकर महान् आनन्द, परम शांति...
कैसी होनी चाहिए शासक की जीवन चर्या
बच्चा, बाप, बुजुर्ग केवल समय का अंतर, क्यों बनी रहती है मत भिन्नता निरंतर..
हालात, शब्दों के मतलब बदल देते हैं..
दसवें शनि की वैवाहिक जीवन में बाधा से मुक्ति के उपाय ..
इन 5 लोगों से दूर रहें, जीवन को नर्क बनने से बचाएं ..
क्या नींद से उठकर हांफने लगते हैं आप…
प्रसन्नता का गुब्बारा...!
दुख रुक जाता है, क्योंकि मनुष्य उसे दुलारता है…
पुरुष की मर्यादा और सात्विक जीवन …
प्रेम का प्रभाव…
जितना झूठ उतना ही टेंशन...अतुल विनोद
जीवन .. जगत और जीने का विज्ञान - अतुल विनोद
इंसान: एक नहीं अनेक मास्क लगाता है, एक दिखाता है बाकी छुपाता है.. अतुल विनोद
अकेलापन बुजुर्गों की सबसे बड़ी समस्या, परिवार से बड़ा कुछ भी नहीं.. दिनेश मालवीय
हम अपने कर्मों का फल कैसे भोगते हैं? कर्म कहां स्टोर होते हैं? कर्म किस रूप में स्टोर होते हैं?....अ...
जीवन में दुःख ज्यादा है कि सुख?........अतुल विनोद
नदिया मे बहता-सा जल है, जीवन है तो मृत्यु अटल है
ज़रूरी है निष्क्रियता … अतुल विनोद
आनंद(Bliss) क्या है इसे कैसे प्राप्त करें?....अतुल विनोद
सुख की खोज मानव की सबसे बड़ी भूल क्यूँ है?... अतुल विनोद
जीवन का अर्थ:..गिलास आधा भरा है..
Philosophy Of Life...जीवन का सच...... P अतुल विनोद
चाणक्य नीति- इन दो तरह के दोस्तों पर कभी भरोसा न करें, नहीं तो बाद में पछताएंगे..
आइए अवसर को समझकर परिस्थिति को पार करें..
जितना झूठ उतना ही टेंशन..
जीवन जियो और मस्ती से जियो,
साक्षी बनिए, अपने अंदर ही मिलेगा शांति और आनंद का स्रोत!
बिजनेस में सफलता नहीं मिलेगी यदि इन बातों का ख्याल न रखा ? कुछ काम के नियम - अतुल विनोद
5 काम जो अकेलेपन की खामोशी को तोड़ते हैं..
मूड स्विंग्स: जब मूड स्विंग्स हो जाएं खतरनाक..
एक बार करो और देखो: दर्द, पीड़ा तुमसे मीलों दूर भाग जाएगी..
किसीके पारिवारिक झगडे में एक का पक्ष न लें -दिनेश मालवीय
दस पाप जो बनते हैं पतन का कारण, सोचेंगे और जियेंगे तो रहेंगे सुखी -दिनेश मालवीय
मनुष्य कभी एक जैसे नहीं हो सकते,दस प्रकार के मनुष्य -दिनेश मालवीय
किसको कौन-सी योनि मिलती है, व्यास और मुनियों के संवाद से खुला रहस्य -दिनेश मालवीय
आश्चर्य का मर जाना जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी -दिनेश मालवीय
दूसरे का ज्ञान आपके किसी काम का नहीं -दिनेश मालवीय
झूठ और जूठन मुसीबतों को निमंत्रण-दिनेश मालवीय
कुछ सवाल जिनका कोई जवाब नहीं है -दिनेश मालवीय
दूसरों के जूते, कपड़े, बिस्तर आदि का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए, आपसे चिपट जाते हैं दूसरों के संस्का...
जीवन सुख-दुःख का गाँव, आवश्यक है आनंद की छाँव -दिनेश मालवीय
सनातन हिन्दू संस्कृति में शिष्टाचार, आज भी उतने ही प्रासंगिक..दिनेश मालवीय
क्या है वृद्धावस्था ?
सुखी जीवन के ग्यारह नियम..
एक वास्तविक गुरु कौन है? मैं एक वास्तविक गुरु कैसे खोजूं?
न हम खाली हाथ आए थे न खाली हाथ जाएंगे, जाने हम क्या लेकर आए थे क्या लेकर जाएंगे.. सरयूसुत मिश्रा
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