जीवन में सेवा का सौभाग्य प्राप्त होना एक अद्भुत अनुभव है, परंतु इसे आशा और प्रत्याशा से मुक्त रूप से किया जाना चाहिए। सेवा भगवान की प्राप्ति का माध्यम है और इसमें कोई निर्दिष्ट आकार नहीं होता।
1. आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है: जब हम दूसरों की सेवा करते हैं, तो यह हमें आत्मा के संबंध में शिक्षा देता है और हम भगवान के साथ एकता महसूस करते हैं।
2. समर्पण और निष्ठा का प्रतीक: सेवा करना समर्पण और निष्ठा की भावना को बढ़ाता है, जिससे आत्मिक विकास होता है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
3. भगवान का संबंध: सेवा भगवान के संबंध को मजबूती से बनाए रखती है और इससे हम भगवान के प्रति प्रेम और श्रद्धा में वृद्धि करते हैं।
4. सेवा में आत्मा का महत्वपूर्ण योगदान: सेवा आत्मा को अपनी वासनाओं से मुक्त करने का अद्भुत माध्यम है और इससे आत्मा अपने निजी आदर्शों के लिए नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए कार्यरत होती है।
इस रूप में, सेवा का सौभाग्य प्राप्त करके हम अपने जीवन को भगवानीय और आनंदमय बना सकते हैं।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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