गुरुदेव और सिद्धयोग का मार्ग आत्मिक उन्नति और परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग है। यह साधना पूर्णतः निःशुल्क है और सभी के लिए खुली है। गुरुदेव के प्रति निष्ठा, प्रीति और विश्वास ही इस मार्ग पर आगे बढ़ने की कुंजी है।
गुरुदेव के प्रति निष्ठा और प्रीति:
जैसे-जैसे आपकी गुरुदेव के प्रति निष्ठा और प्रीति बढ़ेगी, सुमिरन ध्यान में आनंद आने लगेगा। मन की चंचलता मिटेगी, मनोराज मिटते जायेंगे, और मंत्र जाप से आध्यात्मिक तरंगे उत्पन्न होंगी। इससे चित्त में आनंद और शांति व्याप्त हो जाएगी।
आध्यात्मिक उन्नति के फल:
* परमात्मा की प्रेरणा प्राप्त होने लगेगी।
* गुरुदेव ध्यान में, सपने में दर्शन देंगे या और किसी माध्यम से मार्गदर्शन मिलेगा।
* बुद्धि विवेकवती हो जाएगी।
* मन में अंतर्यामी परमात्मा की प्रेरणा मिलेगी।
* नाम का, धन-पद का अहंकार गलने लगता है।
* मन और बुद्धि निर्मल होती है।
* रोग-बीमारी दूर होंगे, रोग प्रतिकार की शक्ति बढती जायेगी।
* सुख-दुःख, लाभ-हानि, यश-अपयश का समभाव में रहकर उपयोग करना सीखेंगे।
* सभी जन्मों के पाप नाश होंगे।
* घटाकाश में प्रकाश के प्रगट होने से व्यापक परमात्मा के एकत्व का दैवी ज्ञान प्रगट होगा।
* आत्मा ब्रह्म है, यह ज्ञान होगा।
मन्त्र जाप के फल:
* भय-निर्भयता में, घृणा-प्रेम में और काम-राम में बदलने लगता है।
* शोक नाश होता है।
* धारणा शक्ति, क्षमा शक्ति, शौर्य शक्ति बढ़ती है।
* वीर्य और तेज बढ़ता है।
* आगे घटित होने वाले घटनाओं की आहट पहले ही पता चल जाती है।
* वेद का ज्ञान प्रकशित होने लगता है।
* शास्त्र के अर्थ अपने आप प्रगट होने लगते हैं।
* बुद्धि प्रखर होती है।
* सुषुप्त शक्तियां जागृत होने लगती हैं।
* देवी देवताओं के दर्शन होंगे।
* लोक परलोक की यात्रा होगी।
* दिव्यरूप, दिव्यरस, दिव्यगंध, दिव्यस्पर्श और अनहत नाद का अनुभव होगा।
* प्रकृति अपने रहस्य उजागर करेगी।
* ब्रह्म के समान अधिकार की वृत्ति बनेगी।
* भगवत आनंद दायिनी शक्ति विकसित होती है।
* मुक्ति प्रदायिनी शक्ति विकसित होती है।
* ज्ञान, मुक्ति, शांती, नित्य सुख और अमरत्व की प्राप्ति होती है।
सिद्धयोग: जीवन का सार:
सिद्धयोग जीवन जीने का सही तरीका सिखाता है। यह हमें धैर्य, समभाव, कृतज्ञता और आनंद के राज्य में रहना सिखाता है। गुरुदेव के मार्गदर्शन और सिद्धयोग की साधना के माध्यम से, हम आत्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं और परमात्मा के साथ एकाकार हो सकते हैं।
गुरुदेव जय गुरुदेव!
नोट:
इस जानकारी को अधिक विस्तार से जानने के लिए, गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग की पुस्तकें और वेबसाइट देखें।
सिद्धयोग की दीक्षा प्राप्त करने के लिए, गुरुदेव के शिष्यों से संपर्क करें।
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