Published By:धर्म पुराण डेस्क

स्वास्थ्य के लिए बादाम लाभदायक, किसानों की आय का बड़ा स्तोत्र

बादाम, जिसे सूखा फल के रूप में जाना जाता है, वह एक ऐसी मेवा है जिसमें न केवल स्वास्थ्य के लाभ होते हैं, बल्कि इससे किसानों को भी बड़ा लाभ होता है। इसे अंग्रेजी में 'ऑल्मंड' कहा जाता है, संस्कृत में 'वाताद' या 'वातवैरी', हिंदी, मराठी, गुजराती और बांग्ला में 'बादाम' और फारसी में 'बदाम शोरी' कहा जाता है। बादाम का पेड़ 4 से 12 मीटर तक ऊँचा हो सकता है और इसके फूल गुलाबी और सफेद रंग के होते हैं, जो फिर इसके फलों में बदल जाते हैं।

अमेरिका में उत्पादन का सर्वाधिक

बादाम की उत्पत्ति एशिया और विशेषकर चीन के पश्चिमी भागों में हुई थी, लेकिन अब इसका बड़ा पैमाने पर उत्पादन ईरान, इराक, सऊदी अरब, और अमेरिका में भी हो रहा है। अमेरिका में बादाम का सर्वाधिक उत्पादन है और साल 2021 में इसने 20 लाख टन बादाम उत्पादित किया। दुनिया भर में बादाम की कुल आपूर्ति का 80% अमेरिका के कैलिफोर्निया से होता है।

भारत में बादाम की खेती

भारत में बादाम की खेती सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर में होती है, जहां इसका 85% उत्पादन होता है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, गांदरबल और बारामूला जिले बादाम के प्रमुख उत्पादक है। भारत में शेष पैदा होने वाले बादाम का 8% हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में उत्पादित होता है, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी कई राज्यों में बादाम की खेती हो रही है।

बढ़ती मांग और आयुर्वेदिक गुण

बादाम को आयुर्वेद में बुद्धि और नसों के लिए गुणकारी माना जाता है। इसके सेवन से शरीर को मिलने वाले पोषण की कमी पूरी होती है और स्वास्थ्य के कई लाभ होते हैं। इसके बढ़ते पौरुष के कारण बादाम की मांग भी बढ़ती जा रही है।

किसानों के लिए बेहतर विकल्प

बादाम की खेती किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। बादाम की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है और इसमें किसानों के लिए कई सारे लाभ होते हैं। बादाम के पेड़ की सही देखभाल के बाद, यह 50 साल तक फल देने में सक्षम होता है और किसानों को नियमित आय प्रदान करता है।

इस प्रशासनिक विकल्प के साथ, बादाम की खेती एक सकारात्मक और लाभकारी उद्योग बन सकती है, जिससे स्वास्थ्य और किसानों की आय एक साथ चमक सकती है।

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