Published By:धर्म पुराण डेस्क

राजकोट में अद्भुत 'राम वन'..! 47 एकड़ में जीवंत किया 14 साल का वनवास

गुजरात के राजकोट में 'राम वन' बनाया गया है. करीब 47 एकड़ में फैले इस राम वन में भगवान राम के 14 साल के वनवास और उनके जीवन की विभिन्न घटनाओं को दर्शाया गया है.

इस राम वन में भगवान राम के जीवन की घटनाओं पर आधारित 22 विभिन्न मूर्तियां प्रस्तुत की गई है. इन मूर्ति में भगवान राम की मूर्ति, जटायु द्वार, भगवान राम का धनुषाकार मुख्य द्वार, पर्वत को उठाए हुए हनुमान की मूर्ति आकर्षण का केंद्र होगी. सेल्फी प्वाइंट भी रखे गए हैं ताकि तीर्थ यात्री सेल्फी ले सकें.

इस ‘राम वन’ का निर्माण कार्य वर्ष 2019 में शुरू किया गया था और इसे 2022 तक पूरा किया गया. राम वन में कुल 25 खंड प्रदर्शित हैं, 55-60 प्रजातियों के 60 हजार से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं. राम वन में डेढ़ करोड़ से अधिक की लागत से 22 मूर्तियां बनाई गई है.

‘राम वन’ के प्रवेश द्वार को भगवान राम के धनुष के आकार में डिजाइन किया गया है. इसके आगे जाने पर आपको भगवान राम की एक विशाल मूर्ति देखने को मिलेगी. फिर जटायु चौक में जटायु द्वार आकर्षण का केंद्र है, जिस पर जटायु बैठे नजर आते हैं.

बच्चों के खेलने के लिए भी एक छोटा मैदान बनाया गया है. योग मुद्रा और भगवान राम के राज्याभिषेक के समय की एक मूर्ति भी दिखाई देगी. इसके आगे एक छोटा तालाब है, जिसके बाद एक बड़ा तालाब है, भगवान राम और शबरी का संगम है, जिसके बगल में एक रंगमंच बनाया गया है.

हनुमान जी महाराज की पर्वत उठाए हुए मूर्ति और सीता हरण की मूर्ति भी आकर्षण का केंद्र है. झील के ऊपर एक राम सेतु भी बनाया गया है, जिसके आगे भगवान राम-लक्ष्मण और माता सीता के वनवास को दर्शाती एक मूर्ति है.

तीर्थ यात्रियों को क्या मिलेगी सुविधा-

राम वन के अंदर इलेक्ट्रिक कार की सुविधा भी रखी जाएगी. तीन फूड कोर्ट, बच्चों के लिए झूले, स्लाइड, वॉकिंग ट्रैक, कॉन्फ्रेंस रूम, मीटिंग रूम, एम्फीथिएटर, सुरक्षा के लिए तीन मंजिल ऊंचाई के 2 टावर, सीसीटीवी कैमरे और ट्रैक के आसपास बैठने के लिए सोफा टाइप बेंच भी लगाए गए हैं. राम वन में राम धुन सहित भजनों को जारी रखने की व्यवस्था की जाएगी.

राम वन को भगवान राम के जीवन से जुड़े नाम दिए गए हैं. जिसमें ‘श्री राम पथ’, वाल्मीकि पथ, केवट पथ, तुलसी पथ, अंगद पथ, नील पथ, नल पथ, लक्ष्मण पथ, शत्रुघ्न पथ, जानकी पथ, भारत पथ, हनुमंत पथ, राक्षस पथ, विभीषण पथ, सुग्रीव पथ, जामवंत पथ और शबरी पथ शामिल है.


 

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