Published By:धर्म पुराण डेस्क

पॉजिटिव सोच के अद्भुत चमत्कार

पॉजिटिव सोच ही सक्सेस का रहस्य है ..

पॉजिटिव सोच से सब कुछ संभव हो सकता है। सक्सेस के लिए मेहनत जरूरी है लेकिन मेहनत के साथ साथ यदि पॉजिटिव सोच भी हो तो सफलता आसान हो जाती है।

नेगेटिव सोच से पास आती सफलता भी दूर चली जाती है पॉजिटिव थिंकिंग से ही पॉजिटिव नजरिया बनता है।

पॉजिटिव सोच से एटीट्यूड पॉजिटिव होता है काम करने का तरीका अपने आप सही हो जाता है अनुशासन आ जाता है टाइम मैनेजमेंट हो जाता है लाइफस्टाइल सुधर जाती है आदतें ठीक हो जाती है।

सकारात्मक सोच से समय के प्रबंधन का संबंध भी जुड़ा हुआ है। काम को निश्चित समय एवं अवधि के अंदर पूरा करने की आदत डालनी चाहिए। समय पर किया गया कार्य हमारे अनुशासन को दरसाता है। अनुशासन और समय-प्रबंधन का गहरा संबंध है। 

अनुशासित जीवन पद्धति सबसे पहले समय का ध्यान रखती है। समय की बड़ी महत्ता है। समय के साथ कार्य को अंजाम देना चाहिए। इससे औरों के समय का भी सम्मान होता है; क्योंकि हम अकेले नहीं हैं किसी कार्य को करने में, हमारे साथ और भी जुड़े होते हैं। 

हम यदि अपने कार्य को उचित ढंग से निश्चित समय में पूरा करते हैं तो हमारे साथ काम करने वालों का भी समय बचता है। अत: हमें टालमटोल न करते हुए एवं आज के कार्य को कल पर न डालकर, आज के काम को आज ही पूरा करना आना चाहिए। समय के साथ काम के साथ को अंजाम देना एक चुनौती है, पर चुनौती लक्ष्य से सदैव जुड़ी रहती है।

लक्ष्य के लिए चल पड़े हों तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। आगे की ओर आने वाली हर कठिनाई का डटकर सामना करना चाहिए। पीठ दिखाने वाले कायर कहलाते हैं और उनका उपहास उड़ाया जाता है; जबकि चुनौती का सामना करने वाले बहादुर कहे जाते हैं और उन्हीं के सिर पर सेहरा सजता है। 

हर चुनौती हमें एक नई सीख दे जाती है कि किस प्रकार हम अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाएँ। लक्ष्य की ओर बढ़ने वाला हर कदम एक नई एवं अनजान राह पर बढ़ता है। अतः हमें कभी भी डरना नहीं चाहिए तथा सूझबूझ के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।


 

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