Published By:धर्म पुराण डेस्क

April 2022 Vrat List: कब है रामनवमी, दुर्गाष्टमी, कन्या पूजन? जानें सप्ताह(वीक) के व्रत एवं त्यौहार

अंग्रेजी कैलेंडर के चौथे महीने अप्रैल का पहला पूर्ण सप्ताह(वीक) आज 04 तारीख से शुरु हो गया  है. इसमें गणगौर, रामनवमी, दुर्गाष्टमी, कन्या पूजन, मत्स्य जयंती, विनायक चतुर्थी, स्वामीनारायण जयंती जैसे व्रत एवं फेस्टिवल  आते हैं.

Gangaur Teej 2022: आज है गणगौर तीज का व्रत

10 अप्रैल तक कई महत्वपूर्ण व्रत एवं फेस्टिवल  आने वाले हैं. इसमें राम नवमी, दुर्गा अष्टमी, कन्या पूजन, मत्स्य जयंती, विनायक चतुर्थी, स्वामीनारायण जयंती शामिल हैं. इनके अलावा देवी चन्द्रघंटा, देवी कूष्मांडा, देवी स्कन्दमाता, देवी कात्यायनी, देवी कालरात्रि,

देवी महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा(वरशिप) आराधना  भी होगी. आइए जानते हैं कि ये सभी व्रत एवं त्यौहार कब और किस दिन हैं?

अप्रैल 2022 पहले सप्ताह(वीक) के व्रत एवं फेस्टिवल 

04 अप्रैल: दिन: सोमवार: गणगौर व्रत, मत्स्य जयंती, चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन, देवी चंद्रघंटा की पूजा(वरशिप)

गणगौर व्रत 2022: चैत्र शुक्ल तृतीया को गणगौर व्रत रखते हैं और इस दिन माता गौरी एवं भगवान शिव की पूजा(वरशिप) की जाती है. यह व्रत अखंड सौभाग्य एवं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए किया जाता है. यह व्रत 04 अप्रैल को है.

मत्स्य जयंती 2022: इस साल मत्स्य जयंती 04 अप्रैल को है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने सबसे पहले यह मत्स्य अवतार लिया था.

मां चंद्रघंटा पूजा(वरशिप) 2022: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा(वरशिप) करते हैं. चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन 04 अप्रैल को है. मां चंद्रघंटा को चमेली का फूल एवं दूध से बनी मिठाई प्रिय है.

05 अप्रैल, दिन: मंगलवार: चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन, देवी कूष्मांडा की पूजा(वरशिप), विनायक चतुर्थी व्रत

विनायक चतुर्थी 2022: चैत्र महीने की विनायक चतुर्थी 05 अप्रैल दिन मंगलवार को है. इस दिन गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा(वरशिप) करते हैं. इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित होता है, इसलिए दिन में ही पूजा(वरशिप) संपन्न करनी होती है.

मां कूष्मांडा की पूजा(वरशिप) 2022: चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन 05 अप्रैल को है, इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा(वरशिप) करते हैं. माता को लाल फूल चढ़ाते हैं और हलवा या दही का भोग लगाते हैं.

06 अप्रैल, दिन: बुधवार: चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन, देवी स्कंदमाता की पूजा(वरशिप)

स्कंदमाता की पूजा(वरशिप) 2022: चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन 06 अप्रैल को है. इस दिन स्कंदमाता की पूजा(वरशिप) करते हैं. इनको भगवान कार्तिकेय की माता कहते हैं क्योंकि इनका एक नाम स्कंद कुमार भी है.

07 अप्रैल: दिन: गुरुवार: चैत्र नवरात्रि का छठा दिन, देवी कात्यायनी की पूजा(वरशिप)

मां कात्यायनी पूजा(वरशिप) 2022: चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा(वरशिप) करते हैं. इनकी कृपा से एवं यश कीर्ति में वृद्धि होती है. मां कात्यायनी का प्रिय फूल लाल गुलाब है.

08 अप्रैल, दिन: शुक्रवार: चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन, महा सप्तमी, देवी कालरात्रि की पूजा(वरशिप)

मां कालरात्रि की पूजा(वरशिप) 2022: चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन महासप्तमी होती है. इस दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरुप की पूजा(वरशिप) करते हैं. देवी के कृष्ण रंग के कारण उनका नाम कालरात्रि है. वह अपने भक्तों की रक्षा करती हैं.

09 अप्रैल, दिन: शनिवार: चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन, दुर्गा अष्टमी, देवी महागौरी की पूजा(वरशिप), कन्या पूजन

दुर्गाष्टमी 2022: चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा अष्टमी या महाअष्टमी व्रत रखा जाता है. इस दिन मां महागौरी की विधिपूर्वक पूजन करते हैं. जो लोग पूरी नवरात्रि व्रत नहीं रखते हैं, वे प्रथम दिन और दुर्गाष्टमी का व्रत रखते हैं. अधिकतर लोगों के यहां महाष्टमी के दिन हवन और कन्या पूजन किया जाता है.

10 अप्रैल, दिन: रविवार: चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन, देवी सिद्धिदात्री की पूजा(वरशिप), रामनवमी, स्वामीनारायण जयंती रामनवमी 2022: चैत्र नवरात्रि के 9वें दिन यानी चैत्र शुक्ल नवमी को रामनवमी मनाई जाती है. इस तिथि को ही प्रभु श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था. इस साल रामनवमी 10 अप्रैल को है. इस अवसर पर व्रत रखते हैं और राम जन्मोत्सव मनाते हैं.

मां सिद्धिदात्री पूजा(वरशिप) 2022: सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री की पूजा(वरशिप) नवरात्रि के 10वें दिन यानी चैत्र शुक्ल दशमी को करते हैं. कई स्थानों पर इस दिन ही हवन किया जाता है और कन्या पूजन करते हैं. फिर पारण करके नवरात्रि व्रत को पूर्ण करते हैं.

 

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