Published By:धर्म पुराण डेस्क

क्या आप चिंतित हैं?

वास्तु शास्त्र में मौजूद है हर समस्या का समाधान …

* क्योंकि आपके नये मकान में आने के बाद कोई मांगलिक कार्य ही नहीं हुआ। 

* क्योंकि घर के सदस्यों के स्वास्थ्य में गिरावट होने लगी है। 

* क्योंकि बच्चों को शिक्षा में रुचि नहीं रही।

* क्योंकि आपके व्यवसाय में अवन्नति होने लगी है।

* क्योंकि जब से आपने नया मकान बनवाया है या किराये का मकान बदला है आये दिन समस्याएँ आ रही है।

* क्योंकि घर में स्थाई क्लेश हो गया है।

* क्योंकि घर में घुटन सी महसूस होने लगी है।

* क्योंकि आपके व्यापार में कुछ निमार्ण कार्य के बाद व्यावसायिक हानि होने लगी है। 

* क्योंकि जबसे दुकान डाली है लाभ हो ही नहीं रहा।

क्या आप भी इसी प्रकार की समस्याओं के जंजाल उलझे हैं? ध्यान रखिये......

हो सकता है, इसका कारण वास्तु दोष भी हो-

व्यक्ति घर पहुंचता है सुकून, शांति व आराम की तलाश में लेकिन घर में निरंतर अशांति का माहौल बना रहता है। मन में बेचैनी रहती है। इसी तरह घर से निकलते समय आप कई कार्य योजनाएं बनाते हुए कार्य स्थल पहुँचते हैं। लेकिन आपकी योजनाएँ धरी की धरी रह जाती हैं। 

निरन्तर आपकी कार्य क्षमता घटती जा रही है व व्यापार में जहाँ आपको लाभ मिलना चाहिए था वहाँ निरन्तर हानि हो रही है। व दिनो-दिन आप हताश होते जा रहे हैं। यदि उपरोक्त कारणों का जवाब हाँ है तो आपकी समस्या का समाधान वास्तु विद्या द्वारा सम्भव है।

आपकी उन्नति या अवन्नति में जहाँ भाग्य व कर्म का हाथ होता है वहीं वास्तु के सहयोग को नकारा नहीं जा सकता। लेकिन जहाँ ईश्वर द्वारा मिले भाग्य को बदलना हाथ में नहीं लेकिन कर्म द्वारा संवारा जा सकता है उसी प्रकार जिस घर, व्यवसाय, फैक्टरी में पहले सुख, शांति एवं समृद्धि थी, वहां पर वास्तु दोष बताकर तोड़फोड़ करना कहाँ तक उचित है, इसे आप वास्तु दोष निवारण के उपायों को अपनाकर भी फिर से सुख-शांति पा सकते हैं।

यदि आप इन समस्याओं से परेशान है तो हो सकता है कि आपका भवन, ऑफिस अथवा फैक्ट्री वास्तु के नियमों के अनुसार निर्मित नहीं है। लेकिन आप किसी भी तोड़-फोड़ के बारे में विचार नहीं करे, मात्र जो भी दोष है उसके निवारण के लिये साधारण से उपाय करें, जिससे इन समस्याओं से मुक्त हो सके।
 

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