अश्शूर प्राचीन मेसोपोटामिया का एक साम्राज्य था। यह असुर शब्द का अपभ्रंश है। यह दजला नदी के ऊपरी हिस्से में अश्शूर साम्राज्य में स्थित था। इसके बाद यह साम्राज्य फारस के हखामनी वंश के शासकों के अधीन आ गया।
असीरिया निवासी सूर्यपूजक थे और वहां के राजा अपने आपको सूर्य का वंशज मानते थे। अथर्वण संप्रदाय में भारत में अंगीकृत अथर्वणि चिकित्सा यहां भी प्रचार में थी।
अथर्ववेद का बहुत-सा भाग असीरिया में प्रचलित था। होम, यज्ञ, वशीकरण, भूतविद्या आदि प्रकार प्रचलित थे। आयुर्वेद के अष्टांगों में तथा चरक संहिता के इंद्रिय स्थान के दूत अधिकार अध्याय में इन विषयों का विवेचन किया गया है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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