Published By:धर्म पुराण डेस्क

Astro Tips: केतु देता है धन लाभ, जानें कब मिलता है अशुभ फल

केतु का धन लाभ या अशुभ फल प्राप्त होने का समय जन्म कुंडली में केतु की स्थिति, दशाओं, अंतर्दशाओं, गोचरों आदि पर निर्भर करता है। केतु के प्रभाव को समझने के लिए ज्योतिषाचार्य के साथ व्यक्तिगत परामर्श करना सर्वोत्तम होगा।

यहां कुछ सामान्य समयांक दिए जा रहे हैं जब केतु का अशुभ फल प्राप्त हो सकता है:

केतु की महादशा या अंतर्दशा: केतु की महादशा या अंतर्दशा में होने पर अशुभ प्रभाव प्राप्त हो सकता है। इस समय आपको विपरीत प्रभाव, आर्थिक कठिनाइयाँ, संपत्ति की हानि, स्वास्थ्य समस्याएं आदि का सामना कर सकता है।

केतु के गोचर: केतु की गोचर यानी वर्तमान स्थिति भी आपके जीवन पर प्रभाव डाल सकती है। जब केतु बाधाकारी भावों या ग्रहों के साथ संयोग में होता है, तो अशुभ फल प्राप्त हो सकता है।

योग और दशा: केतु के साथ जब कोई अनुकूल योग या अनिष्ट योग बनता है, तब भी अशुभ प्रभाव हो सकता है। इसके साथ ही, वर्तमान दशा में केतु की स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है।

केतु एक छाया ग्रह है और वह भी राहु के साथ मिलकर बनता है। यह नक्षत्रों की गति पर अधिकार करता है और ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केतु को अशुभ ग्रह माना जाता है और इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर अलग-थलग आसार हो सकता है।

केतु का प्रभाव धन, स्वास्थ्य, बाधाएं, व्यापार, प्रतिष्ठा, प्रेम जीवन, शिक्षा और उपाय क्षेत्रों पर प्रभाव डाल सकता है। केतु के अशुभ प्रभाव से लोगों को आर्थिक कठिनाइयों, व्यापारिक दिक्कतों, संपत्ति की हानि, स्वास्थ्य समस्याएं, मनोवैज्ञानिक स्थितियाँ, जीवन की उथल-पुथल आदि का सामना करना पड़ सकता है।

ज्योतिष में केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपायों का उल्लेख किया गया है, जैसे कि मंत्र जाप, ध्यान, धार्मिक कर्म, दान-धर्म, यंत्र-मंत्र, रत्नों का धारण करना आदि। यह उपाय आपके व्यक्तिगत जन्मकुंडली के आधार पर निर्धारित किए जा सकते हैं।

ध्यान दें कि उचित ज्योतिषीय परामर्श के लिए आपको अपनी व्यक्तिगत स्थिति को एक विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य से परामर्श करना सर्वोत्तम होगा। वे आपकी जन्म कुंडली को विश्लेषण करके आपको सही सलाह और उपाय प्रदान कर सकेंगे।

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