हमारे हिन्दू धर्म में अतिथि को भगवान का रूप माना जाता है। लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें कभी भी मेहमान नहीं बनाना चाहिए। ऐसे लोगों से दूर रहना हमारे लिए अनिवार्य है।
अगर आप ऐसे लोगों से सड़क पर मिलें तो आपको उनका अभिवादन तक नहीं करना चाहिए। तो आइए जानते हैं उन लोगों के बारे में जिनसे हमें दूर रहना चाहिए।
विधर्मी, दुराचारी, दूसरों के धन को लूटने वाले, दूसरों को दु:ख देने वाले, वेदों को न मानने वाले और उनकी निंदा करने वाले। ऐसे लोगों को कभी भी अपने घर में मेहमान नहीं बनाना चाहिए और उनसे बात तक नहीं करनी चाहिए।
विधर्मी -
हमें ऐसे लोगों से बेहद सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे लोग अपने असली स्वभाव को छुपा कर खुद को सज्जन दिखाने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगों को विधर्मी कहा जाता है।
ये लोग धर्म के नाम पर लोगों को ठगते रहते हैं। वह दूसरे लोगों का पैसा हड़पने से नहीं हिचकिचाते। इन लोगों पर विश्वास भी न करें। क्योंकि वह अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर सकता है।
ऐसे जातक अपने परिजनों से भी विश्वासघात कर सकते हैं। ऐसे लोगों को कभी भी अपने घर में मेहमान नहीं बनाना चाहिए और उनसे बात तक नहीं करनी चाहिए।
दुष्ट -
जो लोग लूटपाट, चोरी या हत्या जैसे बुरे काम करते हैं। इन्हें कभी भी हमारे घर में मेहमान नहीं बनाना चाहिए और ऐसे लोगों से किसी भी तरह का संबंध नहीं रखना चाहिए। ऐसे लोग आपको कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे लोगों की नजर भी बहुत खराब होती है। इसलिए ऐसे लोगों को घर में मेहमान बनाना हमारे लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
जो दूसरों के पैसे पर नजर रखते हैं -
ऐसे लोग अपनी मीठी बातों से दूसरों को लुभाकर अपना धन हड़प लेते हैं। ऐसे लोगों की पहली पसंद महिलाएं और बूढ़े होते हैं। ऐसे लोग किसी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं और किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे लोग रिश्ते से पहले पैसों की इज्जत करते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को कभी भी घर का मेहमान नहीं बनाना चाहिए।
दूसरों को कष्ट देने वाले -
आज के समय में कई ऐसे लोग हैं जो दूसरों का दुख बांटकर उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जो सोचते हैं कि मदद करना तो दूर की बात है लेकिन दूसरों को तकलीफ में देखकर उन्हें खुशी मिलती है।
साथ ही वह पुरुष को अधिक कष्ट देकर भी सुखी होता है। ऐसे लोग आपके घर में मेहमान बनें तो आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। ऐसे लोगों की संगति से दूर रहना चाहिए। आप ऐसे लोगों से जितना दूर रहें, आपके लिए उतना ही अच्छा है।
वेदों का विरोधी -
एक व्यक्ति जो वेदों या ईश्वर को नहीं मानता या उनकी निंदा करता है, उसे नास्तिक कहा जाता है। ऐसे लोग अधिक अधार्मिक कार्य कर रहे होते हैं। वे भगवान से भी नहीं डरते। इन्हें किसी प्रकार का ज्ञान नहीं होता ऐसे लोगों को ईश्वर से भी डर नहीं लगता।
जाने-अनजाने में लोगों को ऐसी बातें बता देता है जिससे सामने वाले को बहुत दुख होता है। ऐसे लोग दूसरों का अपमान करने में जरा भी नहीं हिचकिचाते। उन्हें छोटे-बड़े का पता ही नहीं चलता। ऐसे लोगों को कभी घर नहीं बुलाना चाहिए।
अधूरी लगनी -
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