आज हम आपको बता रहे हैं दाद और जले कटे से खराब हुई स्किन को ठीक करने के आयुर्वेदिक प्रयोग इन प्रयोगों को आप किसी चिकित्सक की देखरेख में करें तो ज्यादा बेहतर होगा।
वैद्य कमल नयन शर्मा के अनुसार ..
आक (अर्क) का दूध 20 ग्राम, देशी घी 20 ग्राम, कपूर की गोली 2 नग।
आक के दूध व घी को एक कटोरी में मिलाकर कंडे की आग पर रख दें, व दूर हट जायें। क्योंकि इसका धुआं आंखों के लिए नुकसानदायक है।
जब कटोरी धुआं निकलना बंद हो जाये तो कटोरी को चिमटे की सहायता से उतार लें व उसमें कपूर की गोली पीसकर डाल दें, (कपूर की गोली उत्तम क्वालिटी की होनी चाहिए देखा गया है कि ये गोलियां नकली व बेअसर भी आती हैं) दवा तैयार है। इसी क्रिया को मकान से बाहर किसी खुले स्थान में करें|
कैसा भी दाद हो इसके लगाने से कुछ ही दिनों में ठीक हो जायेगा। गोबर के कंडे से दाद की जगह को थोड़ा रगड़ लें फिर दवा लगाएं दाद खत्म हो जायेगा।
अग्निदग्ध नाशक प्रयोग: किसी पत्रिका में वर्णित यह प्रयोग मैंने आजमाया काफी 'सुन्दर परिणाम मिले।
नारियल तेल 50 ग्राम, कपूर 3 ग्राम, मोम 10 ग्राम, सफेदा 6 ग्राम, बोरिक एसिड 6 ग्राम, मुर्दासंग 6 ग्राम, राल 1 ग्राम।
सर्वप्रथम नारियल के तेल को एक कटोरी में गर्म करें, उसमें राल का चूर्ण व मोम डाल दें, जब दोनों वस्तुएं पिघल जाए तो उसमें कपूर डाल दें, और जैसे कपूर जलने लगे तुरंत आग पर से कटोरी को उतार लें, फिर अन्य चीजों का बारीक पाउडर इसमें डाल दें व अच्छी तरह मिला एक जीव कर लें, मलहम तैयार है इसका प्रयोग हर तरह के अग्निदग्ध पर कर सकते हैं। सफलता मिलेगी यह दवा लगाने के लिये है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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