Published By:धर्म पुराण डेस्क

भगवद गीता: ज्ञान का अमृत और आत्मविश्वास का स्रोत

जीवन के संघर्षों और प्रसंगों में, एक अमूल्य धरोहर हमें सदैव मार्गदर्शित करता है - वह है भगवद्गीता। यह हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ है, जो न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रदर्शित करता है, बल्कि जीवन के हर पहलू के लिए अनमोल उपदेश भी प्रदान करता है।

आत्मविश्वास और साहस का स्रोत

बच्चों को भगवत गीता का पाठ करने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। यह उन्हें यह बताता है कि वे अपने कर्मों में समर्पित होकर किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को अपने कर्तव्य का पालन करने की महत्वपूर्णता बताई है, जिससे उनका आत्मविश्वास और साहस मजबूत होता है।

पापों का नाश और सद्गति की प्राप्ति

गीता के पाठ से बच्चों को यह सिखने को मिलता है कि उन्हें पापों से दूर रहकर सद्गति की दिशा में प्रगति करनी चाहिए। गीता में बताए गए सिद्धांतों के पालन से, वे अपने जीवन को पवित्र और उद्देश्यपूर्ण बना सकते हैं और पापों का नाश कर सकते हैं।

जीवन के प्रश्नों के उत्तर

बच्चों के मन में अनगिनत सवाल होते हैं, जिनके उत्तर खोजना वे किसी के साथ साझा नहीं कर सकते हैं। गीता उन सवालों के उत्तर प्रदान करती है, जैसे कि कर्म का महत्व, जीवन का उद्देश्य, संयम की महत्वपूर्णता, और आत्मा के अद्वितीयता का ज्ञान।

इस प्रकार, भगवत गीता का पाठ बच्चों के जीवन को सद्गति, आत्मविश्वास और सफलता की दिशा में मदद कर सकता है। यह उन्हें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है और उन्हें सही नैतिक मूल्यों की पहचान करने में मदद करता है। इसलिए, बच्चों को हर दिन भगवद गीता का पाठ करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि वे एक सकारात्मक और उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सकें।

धर्म जगत

SEE MORE...........