Published By:धर्म पुराण डेस्क

ब्रह्मचर्य एक हीरे की तरह है..

ब्रह्मचर्य एक हीरे की तरह है..

सड़क के किनारे कोयले का ढेर है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हजारों साल बाद कोयला हीरा बन जाता है। कोयले और हीरे में कोई रासायनिक अंतर नहीं है। कोयले और हीरे के आयाम समान हैं, दोनों की मूल रासायनिक संरचना समान है। हीरे कोयले का एकमात्र संशोधित रूप है। नायक कोयला है।

कामवासना कोयले की तरह है, ब्रह्मचर्य हीरे की तरह है। लेकिन यह कोयले का संशोधित रूप है, कोयले का दुश्मन नहीं। यह कोयले का रूपांतरण है। यह कोयले की समझ के माध्यम से एक नई दिशा में एक यात्रा है। ब्रह्मचर्य सेक्स का विरोध नहीं है, यह सेक्स का रूपांतरण है। काम का शत्रु कभी भी ब्रह्मचर्य को प्राप्त नहीं कर सकता। 

ब्रह्मचर्य का अर्थ क्या है? 

निहितार्थ यह है कि व्यक्ति को ईश्वर के जीवन का अनुभव मिलता है। ब्रह्मचर्य का अर्थ है ब्रह्म की क्रिया। ब्रह्म के समान जीवन, ब्रह्म के समान अनुभव की उपलब्धि। यह स्वयं को समझने और बदलने से संभव हुआ है। 

सच्चाई से घबराने की जरूरत नहीं है। जो सत्य है वही सत्य है, चाहे हम आंखें बंद रखें या खुली रखें।

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