ब्रेस्ट कैंसर सबसे खतरनाक कैंसर में से एक है। ज्यादातर महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में पता नहीं होता है। भारत में ही लोग खासतौर पर ब्रेस्ट कैंसर के बारे में बात करने से कतराते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की अधिकांश महिलाओं में सिर्फ भारतीय महिलाएं ही इस बीमारी से पीड़ित हैं।
तो आइए हम आपको इसके लक्षण और उपाय के बारे में बताते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं और पुरुषों दोनों में होता है। आइए विस्तार से जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
पिछले कुछ समय से पूरी दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में आठ में से एक महिला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित है। इस तरह इस बीमारी का मुख्य कारण हमारी जीवनशैली और वंशानुगत माना जाता है।
स्तन कैंसर क्या है-
ब्रेस्ट कैंसर तब शुरू होता है जब हमारी कोशिकाएं जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगती हैं। स्तन कैंसर कोशिकाएं एक गांठ बनाती हैं जिसे एक्स-रे पर देखा जा सकता है या आप इसे गांठ या गांठ के रूप में महसूस कर सकती हैं।
लक्षण-
स्तन में गांठ, निप्पल के आकार या त्वचा में बदलाव, स्तन में जकड़न, निप्पल से खून या तरल पदार्थ निकलना, स्तन में दर्द, स्तन या निप्पल पर त्वचा का छिल जाना, स्तन या बगल में गांठ। बारह साल की उम्र से पहले माहवारी और पचास की उम्र के बाद यानी 55 साल के बाद मेनोपॉज होने पर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है। खराब जीवनशैली, आनुवंशिकता, बढ़ती उम्र के साथ हार्मोन थेरेपी में दी जाने वाली दवाएं, देर से शादी और बेबी प्लान।
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार 70 साल की उम्र तक महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इंडियन कैंसर सोसायटी की रिपोर्ट के मुताबिक, हर 28 में से 1 महिला को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शराब और धूम्रपान के सेवन से स्तन कैंसर का खतरा 8 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। जर्मनी में हर साल लगभग 600 पुरुष स्तन कैंसर से मरते हैं, जबकि महिला रोगियों की संख्या 70,000 से अधिक है।
स्तन कैंसर के चरण-
स्तन कैंसर के चार चरणों में से, पहले चरण में शुरू होने पर रोगी के ठीक होने की 80 प्रतिशत संभावना होती है। दूसरे चरण में 60 से 70 प्रतिशत। जब यह कैंसर तीसरी या चौथी स्टेज में पहुंच जाता है तो इलाज थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसलिए अगर समय रहते इसकी पहचान कर ली जाए तो इसका इलाज आसान हो जाता है।
किस उम्र में कैंसर होने का खतरा अधिक होता है?
आमतौर पर 40 की उम्र के बाद इसकी संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा फैमिली हिस्ट्री होने पर भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
क्या पुरुषों को भी होता है ब्रेस्ट कैंसर?
स्तन कैंसर केवल महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी प्रभावित करता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के आंकड़ों के अनुसार, 1% स्तन कैंसर में पुरुष शामिल होते हैं। जी हां, शोध के अनुसार लगभग 70 से 72 साल की उम्र के पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा होता है। इसके अलावा मोटापा, शराब और धूम्रपान भी पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकता है।
पुरुषों में स्तन कैंसर के कारण क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम पुरुषों में स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है। जब पुरुषों में एक अतिरिक्त X क्रोमोसोम होता है, तो एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और यह सिंड्रोम होता है। इससे ब्रेस्ट टिश्यू तेजी से विकसित होते हैं। जो पुरुष इस सिंड्रोम को विकसित करते हैं उनमें स्तन कैंसर का खतरा 20 से 60 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर जेनेटिक म्यूटेशन यानी जीन में बदलाव के कारण होता है। इसके अलावा वृषण संबंधी समस्याओं के कारण भी स्तन कैंसर होने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। यह भी कहा जा सकता है कि स्तन कैंसर से पीड़ित हर पांच में से एक पुरुष का कोई आनुवंशिक कारण होता है। अगर परिवार में किसी को इस प्रकार का कैंसर हुआ है, तो यह विरासत में मिल सकता है। अगर गांठ बनने लगे या स्तन में सूजन नजर आने लगे तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। छाती के आसपास की त्वचा का रंग बदल सकता है, लाल या झुर्रीदार दिखाई दे सकती है।
डॉक्टर यह निर्धारित करने के लिए स्तन में गांठ को उंगली से दबाते हैं कि गांठ कितनी बड़ी है। इसके अलावा मैमोग्राफी और सोनोग्राफी से भी इसकी जांच की जा सकती है। इसके साथ ही बायोप्सी टेस्ट, ब्लड टेस्ट और इमेजिंग टेस्ट भी किया जा सकता है।
इन गलतियों से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है|
बढ़ता मोटापा भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है। खासतौर पर मेनोपॉज के बाद यह खतरा बढ़ जाता है। जब शरीर पर अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है, तो एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट फीडिंग से इसलिए बचती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनका फिगर खराब हो जाता है। हालांकि, ऐसा मानने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। वास्तव में, स्तनपान कराने से हार्मोनल संतुलन बना रहता है, जबकि स्तनपान न कराने वाली महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन और स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
जो महिलाएं अपने खानपान पर ध्यान नहीं देती हैं, उनमें ब्रेस्ट ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है। मीठे खाद्य पदार्थ जैसे केचप, स्पोर्ट्स ड्रिंक, चॉकलेट दूध, और बहुत कुछ स्तन कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। इसी तरह प्रोसेस्ड फूड से मिलने वाला फैट भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है। बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, चाट, रेड मीट भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं। अगर आप लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं तो लंबे समय तक गर्भ निरोधक गोलियां लेने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
वैज्ञानिकों ने हाल ही में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल और ब्रेस्ट कैंसर के बीच संबंध का खुलासा किया है। एंटीबायोटिक्स के लंबे समय तक इस्तेमाल से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।
स्तन कैंसर :- अधिक वजन और बार-बार शराब का सेवन भी स्तन कैंसर का कारण बनता है।
1. ब्रेस्ट कैंसर किन कारणों से होता है, यह जानना बहुत जरूरी है।
2. कम उम्र में पहला बच्चा होने से भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
3. ब्रेस्ट कैंसर के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में यहां जानें।
स्तन कैंसर-
स्तन कैंसर सबसे खतरनाक कैंसर में से एक है जो ज्यादातर महिलाओं में होता है। ब्रेस्ट कैंसर के कारणों और लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है। यातायात या यात्रा के दौरान वायु प्रदूषण स्तन कैंसर का कारण बन सकता है। ब्रेस्ट कैंसर में कैंसर सेल्स ब्रेस्ट टिश्यू में बनते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनते हैं।
स्तन कोशिकाओं में शुरू होकर, स्तन कैंसर आसपास के ऊतकों और पूरे शरीर में फैल जाता है। ब्रेस्ट कैंसर के कारणों को जानना और इसके लक्षणों को पहचानना इसके इलाज की दिशा में पहला कदम हो सकता है। यह बात एक रिसर्च में सामने आई है।
यहां हम आपको बताएंगे कि ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या है और ब्रेस्ट कैंसर के क्या उपाय हैं?
बहुत से लोग इस बात पर विचार करते हैं कि स्तन कैंसर का नवीनतम इलाज क्या है, बिना सर्जरी के स्तन कैंसर का इलाज क्या है या स्तन कैंसर की पहचान कैसे करें। इन सभी सवालों के जवाब आपको यहां मिलेंगे। ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को पहचानने के बाद इसके इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शरीर के किसी भी हिस्से में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर का एक प्रमुख कारण है।
बहुत से लोग ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और उपाय जानना चाहते हैं, हम उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए यहां आपको जानकारी मुहैया करा रहे हैं।
यह जानना भी जरूरी है कि कैंसर कैसे फैलता है, कैंसर कैसे शुरू होता है, बढ़ता और फैलता है, तो आइए जानते हैं कि शरीर में इन ऊतकों के लगातार बढ़ने से इन ऊतकों के टुकड़े रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचते हैं और फैलते हैं। नई जगहों पर शुरू होता है. इसे मेटास्टेसिस कहा जाता है।
मेटास्टेसिस भी कैंसर की एक स्टेज है। ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण अगर पहली या दूसरी स्टेज में पता चल जाएं तो सही समय पर इसका इलाज संभव है। या यूँ कहें कि ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता ही ब्रेस्ट कैंसर का मुख्य इलाज है।
अगर आप कैंसर की स्टेज के बारे में जानते हैं तो इसके लक्षणों को पहचानकर आप सही समय पर इसका इलाज कर सकते हैं। आइए पहले स्तन कैंसर के सामान्य कारणों और उपचार के बारे में जानें।
स्तन कैंसर के कारण-
1. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक बच्चों को पैदा नहीं होने देना।
2. अधिक उम्र में पहले बच्चे को जन्म देना।
3. स्तनपान नहीं कराना।
4. अधिक वजन और बार-बार शराब का सेवन।
5. ब्रेस्ट कैंसर जेनेटिक्स के कारण भी हो सकता है।
6. ब्रेस्ट में गांठ होना।
7. समय से पहले मासिक धर्म भी स्तन कैंसर का कारण बन सकता है।
स्तन कैंसर के लक्षण-
1. ब्रेस्ट साइज में बदलाव महसूस होना।
2. स्तन या कंधे के निचले हिस्से में गांठ की अनुभूति।
3. स्तन दबाने पर दर्द होना।
4. ब्रेस्ट में सूजन।
स्तन कैंसर को रोकने के उपाय-
1. नियमित व्यायाम और योग करें।
2. सूरज की तेज किरणों के सीधे संपर्क में आने से बचें।
3. धूम्रपान न करें और नशीले पदार्थों का सेवन भी न करें।
4. नमक का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
5. रेड मीट के अधिक सेवन से बचें।
6. गर्भनिरोधक गोलियां लगातार लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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