 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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                    क्या शत्रु ग्रह का प्रभाव परिवार के अन्य लोगों पर भी पड़ सकता है?
जब दो शत्रु ग्रह एक-दूसरे से संघर्ष करते हैं, तो पीड़ित ग्रह अपना अशुभ प्रभाव एक तीसरे पर फेंकता है। फलतः उस तीसरे का प्रभाव अशुभ हो जाता है।
पीड़ित शनि: सूर्य-शनि के झगड़े में शनि पीड़ित होता है। वह शनि शुक्र को प्रभावित करता है और जातक की पत्नी मर जाती है।
पीड़ित बुध: बुध भी पीड़ित होने पर शुक्र को प्रभावित करता है। जातक की पत्नी को कष्ट होता है या वह मर जाती है।
पीड़ित मंगल: मंगल की पीड़ा केतु को मिलती है। पुत्र या भतीजा कष्ट में पड़ता है अथवा मृत्यु का शिकार होता है।
पीड़ित शुक्र: शुक्र की पीड़ा का प्रभाव चन्द्रमा पर पड़ता है। इससे जातक की मां पीड़ित होती है। वह मर भी सकती है।
पीड़ित गुरू: पीड़ित गुरू का प्रभाव केतु पर पड़ता है। मामा या उसका परिवार कष्ट में पड़ता है।
पीड़ित सूर्य: पीड़ित सूर्य का प्रभाव भी केतु पर पड़ता है।
पीड़ित चन्द्रमा: इसका प्रभाव गुरू, मंगल और सूर्य पर पड़ता है।
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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