नहाय खाय के साथ शुरू हुआ आस्था का महापर्व छठ पूजा ..
आज 20 नवंबर को चौथे दिन उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का आखिरी दिन होता है। इस दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसके साथ ही छठ पर्व संपन्न होता है।
सप्तमी तिथि पर देश भर में प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा पड़ा। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ व्रतियों ने पुत्र के दीर्घायु व परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान जयघोष माहौल भक्ति से ओतप्रोत रहा। कई स्थानों पर पटाखे जलाकर खुशी भी मनाई गईं।
छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इसके बाद दूसरे दिन को खरना, तीसरे दिन को संध्या अर्घ्य और चौथे दिन को उषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। छठ पर्व बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और उनके सुखी जीवन के लिए छठ व्रत रखती हैं।
छठ पूजा का चार दिवसीय त्योहार उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत खोला जाता है। इस दिन व्रत करने वाले लोग सूर्योदय से पहले नदी घाट पर पहुंचते हैं और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके बाद सूर्य देव और छठ माता से बच्चों के सुखी जीवन, परिवार की शांति और सभी कष्टों को दूर करने की प्रार्थना की जाती है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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