यहां प्राचीन विशाल भगवान महादेव का शिवलिंग है। इस शिवलिंग को लेकर धारणा है कि यह जागृत स्थान है। यहां मान्यता है कि यहां के शिवलिंग में हर तीसरे वर्ष उसकी परिधि में वृद्धि होती है।
यहां 1722 में शिवलिंग प्राकृतिक तौर पर प्रकट हुआ था। मंदिर परिसर में पार्वती, राम, लक्ष्मण, सीता आदि मंदिर भी हैं। परिसर में ही एक बावड़ी भी है।
मंदिर के वर्तमान स्वरूप सन् 1843 के आसपास क्षेत्रीय नागरिकों ने किया। इसके पूर्व सन् 1831 में मराठा राज्य के तत्कालीन दीवान ने इस शिवलिंग को दमोह ले जाने का प्रयास किया था, पर वे सफल नहीं हो पाए थे।
जागेश्वरनाथ धाम बांदकपुर में मकर संक्रांति, गणेश चतुर्थी, बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि और सोमवती अमावस्या पर मेला भरता है।
मेले में हिन्दू धर्म और शंकर भगवान से संबंधित धार्मिक साहित्य और वस्तुएं बहुतायत में आती हैं।
मेले में विविध सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इस स्थान की विशेषता है कि यहां बारह माह मेले का दृश्य नजर आता है।
लक्ष्मण कुटी मेला दमोह जिले के हटा रोड पर लक्ष्मण धाम, लक्ष्मण कुटी पर भी तीन दिन तक चलने वाला मेला मकर संक्रांति पर भरता है, यहां सिद्धेश्वरनाथ भोले बाबा का मंदिर है मेले में सिद्धेश्वर नाथ के रक्षार्थ यहां पहुंचते हैं।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024