Published By:बजरंग लाल शर्मा

दमोह जटाशंकर महादेव मेला..

इसके अतिरिक्त दमोह जिले में महादेव घाट, चकेरी घाट, भिलोली गांव में लगने वाला खड़ेरी आता मेला, कांटी की बजरिया का मेला, सीता नगर के पास भरने वाला मड़कुलेश्वर का मेला, कुम्हारी में भरने वाला चण्डी का मेला, खर्रा घाट का मेला आदि कुछ बड़े मेले हैं जो तीन दिन से लेकर एक सप्ताह तक भरे जाते हैं।

दमोह जिले में इसके अलावा कुड़ई में भारत माता मेला, सकौर में हर मंगलवार को महावीर मेला, कंजरा माता का मेला, गंजाझिरिया का मेला, बटियागढ़ में आयोजित शिवरात्रि का मेला, मगरोन में कलेही माता का मेला, मिर्जापुर में बसंत पंचमी मेला, जबेरा का गणेश मेला, चोपरा में चणझड़ी का मेला, सर्राका मेला, समनापुरा और विना खेड़ी में भरने वाले मेले भी प्रमुख हैं जो दो दिन से लेकर सात दिन तक भरे जाते हैं।

प्रशासनिक व्यवस्था:-  म प्र के तीर्थ स्थलों एवं अति प्रसिद्ध मेलों की उचित व्यवस्था हेतु मध्य प्रदेश तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण कार्य करता है। 

सामन्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 13.10.2014 के परिप्रेक्ष्य में मध्य प्रदेश तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण का समस्त नियंत्रण संस्कृति विभाग के स्थान पर, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को प्राप्त हुआ है। 

मध्य प्रदेश तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण द्वारा प्रदेश के 37 प्रमुख तीर्थ स्थल एवं 1326 अति प्रसिद्ध मेलों को पंजीबद्ध कर लिया गया है। 

मध्य प्रदेश तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण द्वारा कलेक्टर के माध्यम से तीर्थ एवं मेलों के आयोजन / प्रबंधन में सहयोग अनुदान प्रदान कर सहयोग किया जाता है। 

मध्य प्रदेश तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण के निम्न उद्देश्यों के लिए कार्य करता है। 

1. तीर्थ स्थलों की सांस्कृतिक परंपराओं का संरक्षण एवं संवर्धन, उनकी उचित व्यवस्था, प्रबंधन,पर्यवेक्षण तथा पोषण के उत्तरादायित्वों का निर्वाहन।

2. मध्यप्रदेश के अति प्रसिद्ध एवं महत्वपूर्ण मेलों की व्यवस्था|

3. मेलों की बहुविध विशिष्टताओं को प्रसारित प्रचारित करने के लिए विविध ऑडियो-वीडियो कार्यक्रमों के साथ विभिन्न चैनलों पर उनके प्रसारण और कॉल सेंटर के संबंध में कार्यवाही।

स्रोत: 1. विभिन्न शासकीय विभागों के प्रकाशन.

2. प्रशासनिक प्रतिवेदन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग.


 

धर्म जगत

SEE MORE...........