पहली बाधा - नियमभंग की बाधा:
साधना-पथ पर चलने वाले साधकों को नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। नियम न तो केवल आत्म-निग्रह के लिए होते हैं, बल्कि ये आत्मा को ऊँचाइयों की ओर ले जाने में सहायक होते हैं। साधकों को नियमों का पूरी तरह से पालन करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि उन्हें साधना की प्रगति में बाधा नहीं हो। यह समझना आवश्यक है कि सच्ची साधना सामर्थ्य और नियमितता की आवश्यकता को समझकर ही संभव है।
दूसरी बाधा - बाह्य लोगों से विरोध:
जब साधक सत्य की प्राप्ति की दिशा में बढ़ता है, तो बाह्य लोगों से विरोध का सामना करना स्वाभाविक है। इस समय, साधकों को अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी विरोधात्मक तत्वों को त्यागने की क्षमता विकसित करनी चाहिए। वे अपनी साधना में दृढ़ता बनाए रखने के लिए सत्य और उदारता की मान्यता को बनाए रखने का प्रयास करें।
तीसरी बाधा - गुरु मंडल द्वारा कसौटी परख:
गुरु मंडल की कठिनाइयों का सामना करने के लिए, साधकों को आत्मविश्वास और श्रद्धा में स्थिर रहना चाहिए। गुरु के आदर्शों और मार्गदर्शन में सच्चाई को समझने की क्षमता विकसित करनी चाहिए। गुरु मंडल की कठिनाइयों को एक शिक्षा स्वरूप में देखकर साधकों को उन्हें पार करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे उनकी साधना में समृद्धि हो।
चौथी बाधा - देवताओं द्वारा राह अवरोधन:
देवताओं द्वारा उत्पन्न की जाने वाली बाधाएं साधक को भ्रमित कर सकती हैं। साधकों को इस बात का समर्थन करना चाहिए कि इन बाधाओं का निराकरण सिर्फ अद्वितीय ब्रह्म को पहचानने के माध्यम से ही संभव है। भगवान की उपासना में समर्पित रहने वाले साधक को चाहिए कि उन्हें यह ज्ञान हो कि सब कुछ एक ही ब्रह्म में मिलता है और उन्हें इस एकता का अनुभव करना चाहिए।
पाँचवी बाधा - अपनों का विरोध:
अपनों का विरोध साधक को आत्म-निग्रह की दिशा में बढ़ने में मध्यस्थता कर सकता है। साधकों को चाहिए कि वे अपने ईष्टदेव और गुरु की आज्ञा का पूरा समर्थन करें और उनके मार्ग पर चलते रहें। अपनों के साथ मेलजोल बनाए रखने के लिए उन्हें साधना में सच्ची महत्ता प्रदान करनी चाहिए और सत्य के प्रति समर्पित रहना चाहिए।
इस प्रकार, साधकों को यह जानना चाहिए कि साधना-पथ पर आने वाली कठिनाइयों का सामना करना सामर्थ्य और आत्मसमर्पण से ही संभव है। सच्ची साधना में आत्मा को पहचानने और परमात्मा के साथ एकीकृत होने का मार्ग दिखाने वाले साधना-मार्ग पर चलने में सफलता प्राप्त होगी।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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